उज्जैन: “कविताएं और साहित्य हमें जीवन जीने का तरीका सिखाते हैं. इसलिए हमें पौराणिक आख्यानों सहित बेहतर साहित्य को पढ़ते-लिखते रहना चाहिए.” यह बात उज्जैन के जिलाधिकारी नीरज कुमार सिंह ने ‘स्कूल चले हम अभियान‘ के ‘भविष्य से भेंट‘ कार्यक्रम में तहत शासकीय उच्चतर उत्कृष्ट विद्यालय माधवनगर के विद्यार्थियों से कही. उन्होंने कुछ कक्षाओं में छात्रों को पढ़ाया भी. 10वीं के विद्यार्थियों को उन्होंने रामधारी सिंह दिनकर की प्रसिद्ध कविता ‘कुरुक्षेत्र‘ से युधिष्ठिर और भीष्म पितामह के बीच का प्रसंग पढ़ाया. सिंह ने बच्चों को कविता के एक सर्ग का पाठ सुनाया और फिर रोचक ढंग से प्रत्येक पंक्ति का उदहारण देते हुए कविता का अर्थ समझाया. उन्होंने कहा कि जहां न्याय होगा वहीं शांति और सुशासन स्थापित हो सकेगा. जहां अशांति, अन्याय होगा वहां शांति कभी स्थापित नहीं हो सकेगी. सिंह ने विद्यार्थियों को बताया कि कुरुक्षेत्र कविता से हमें प्रमुख सीख यह मिलती है कि हमें अपने जीवन में विनम्रता, सहनशीलता, करुणा, तप के भाव के साथ शक्ति और सामर्थ्य को भी विकसित करना होगा ताकि हमें न कोई भी दबा सके, न कोई शोषित कर सकें.
सिंह ने विद्यार्थियों को मार्गदर्शन देते हुए कहा कि छात्र जीवन का उपयोग ज्यादा से ज्यादा सीखने में करें. अपने लक्ष्य का समुचित निर्धारण कर सर्वश्रेष्ठ के भाव से उसे प्राप्त करने के लिए रणनीति बनाएं. सोशल मीडिया प्लेटफार्म से दूरी रखें. यह छात्र जीवन के प्रमुख चार-पांच साल जिस प्रकार आप जीवन जिएंगे उन्हीं से आपके भविष्य की राह निर्धारित होगी. छात्र जीवन ही वह नींव है, जिसमें आप अपना भविष्य कैसा होगा यह तय करते हैं. छात्र हर पल हर क्षण अपने लक्ष्य को पाने के लिए बिना किसी आलस्य, अड़चन के प्रयासरत रहें. अपने अंदर समय का सदुपयोग और लक्ष्य के प्रति सतत प्रयास और दृढ़ता का गुण धारण करें. निश्चित ही आप सफल होंगे. जिलाधिकारी ने सभी विद्यार्थियों को भविष्य के लिए शुभकामनाएं दी. विद्यार्थियों को पढ़ाने से पूर्व उन्होंने उत्कृष्ट विद्यालय का भ्रमण किया, साथ ही विज्ञान के शिक्षकों के संभागीय प्रशिक्षण का निरीक्षण किया. उन्होंने शिक्षकों को निर्देशित किया कि छात्रों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा उपलब्ध कराई जाए. इस दौरान प्राचार्य उत्कृष्ट उच्चतर विद्यालय माधवनगर विभा शर्मा सहित अन्य शिक्षणकर्मी उपस्थित थे.