कोझिकोड: केरल के कोझिकोड शहर को यूनेस्को ने आधिकारिक तौर पर भारत का पहला ‘सिटी आफ लिटरेचर‘ यानी ‘साहित्य का शहर‘ घोषित किया है. राज्य के स्थानीय स्वशासन विभाग मंत्री एमबी राजेश ने एक आधिकारिक कार्यक्रम में कोझिकोड को मिली इस उपलब्धि की जानकारी दी. उन्होंने बताया कि पिछले साल अक्टूबर में कोझिकोड को ‘यूनेस्को क्रिएटिव सिटीज नेटवर्क‘ की ‘साहित्य‘ श्रेणी में स्थान मिला था. मंत्री ने कहा कि कोझिकोड नगर निगम के कुशल कामकाज ने कोलकाता जैसे समृद्ध सांस्कृतिक इतिहास वाले शहर को पीछे छोड़कर यूनेस्को से ‘साहित्य का शहर‘ की उपाधि हासिल की है. इस उपलब्धि के साथ ही कोझीकोड दुनिया के उन गिनेचुने प्रतिष्ठित शहरों की सूची में शामिल हो गया, जो अपनी साहित्यिक गतिविधियों के लिए जाने जाते हैं. ऐसे शहरों में चेक गणराज्य में प्राग, इटली में मिलान, यूनाइटेड किंगडम में एडिनबर्ग, फ्रांस में अंगौलेमे, पाकिस्तान में लाहौर और इंडोनेशिया में जकार्ता शामिल हैं.
इस चयन से खुश राज्य सरकार ने ऐलान किया है कि अगले साल से 23 जून को कोझिकोड ‘साहित्य शहर‘ दिवस के रूप में मनाया जाएगा. राज्य के स्थानीय स्वशासन विभाग की ओर से जारी एक बयान में कहा गया है कि इस दिन छह श्रेणियों में विशेष पुरस्कारों की घोषणा की जाएगी. कोझीकोड स्व एसके पोट्टक्कड़ और वैकोम मुहम्मद बशीर जैसे महान साहित्यिक लोगों के लिए जाना जाता है. पर्यटन मंत्री पीए मोहम्मद रियास ने एक कार्यक्रम में यूनेस्को द्वारा घोषित ‘कोझीकोडः साहित्य का शहर‘ के लोगो का भी अनावरण किया. राज्य के स्थानीय स्वशासन विभाग मंत्री एमबी राजेश इस अवसर पर ज्ञानपीठ पुरस्कार विजेता एमटी वासुदेवन नायर के घर गये और कोझिकोड नगर निगम की ओर से स्थापित हीरक जयंती पुरस्कार सौंपा. याद रहे कि कोझीकोड को यह सम्मान राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान कालीकट के छात्रों की एक रिपोर्ट के बाद मिला, जिसने इस क्षेत्र के साहित्यिक इतिहास का दस्तावेजीकरण किया था. वास्तुकला और योजना विभाग के सदस्यों की ओर से मोहम्मद फिरोज की अगुआई में छात्रों ने एक सर्वेक्षण किया, क्षेत्र की साहित्यिक पहुंच का अध्ययन किया, और एक शैक्षणिक परियोजना के हिस्से के रूप में साहित्यिक संपत्तियों, स्थानों और महत्वपूर्ण व्यक्तित्वों के बारे में दस्तावेज तैयार किया.