नई दिल्ली: “विश्व का सबसे बड़ा पुस्तक मेला केवल एक आयोजन नहीं है, यह एक उत्सव है, जिसमें पाठकों को पुस्तकों के साथ-साथ भारत की विविध संस्कृति और लोककला की झलक देखने को मिलेगी.” यह बात मेला की आयोजक संस्था राष्ट्रीय पुस्तक न्यास, भारत के निदेशक युवराज मलिक ने कही. मलिक ने बताया कि मेले में इस बार 1000 से अधिक प्रकाशक शामिल हो रहे हैं. फेस्टीवल ऑफ फेस्टीवल्स में अहमदाबाद साहित्य महोत्सव, सिनेमा दरबार, भारत साहित्य महोत्सव, प्रगति विचार इन सभी के प्रतिनिधियों को आमंत्रित किया गया है. वे विश्व पुस्तक मेले के मंच से साहित्यिक, सांस्कृतिक गतिविधियां आयोजित कर सकते हैं और पुस्तकों का विमोचन भी कर सकते हैं. 40 से ज्यादा देशों के प्रकाशक एवं प्रतिनिधि विश्व पुस्तक मेले में शामिल हो रहे हैं. यह बी2सी स्तर का सबसे बड़ा पुस्तक मेला है. विश्व की लगभग सभी भाषाओं के प्रतिनिधि यहां मिलेंगे. ई-लर्निंग के प्रति उत्साह को देखते हुए नेशनल डिजिटल लाइब्रेरी, बच्चों के लिए ई-जादुई पिटारा भी समर्पित होगा. इंदिरा गांधी नेशनल सेंटर फार आर्ट ‘इंडिया द मदर आफ डेमोक्रेसी’ पर विशेष प्रदर्शनी लगा रहा, तो प्रकाशन जगत के सीईओ स्पीक, नई दिल्ली राइट्स टेबल के अलावा जम्मू-कश्मीर, लददाख और भारत के अलग-अलग हिस्सों से बैंड साहित्यिक बेला की रौनक बढ़ाएंगे.

प्रगति मैदान में आयोजित इस नौ दिवसीय नई दिल्ली विश्व पुस्तक मेले में हाल नंबर 1 में विज्ञान, मानविकी और दर्शन की पुस्तकें मिलेंगी, तो हाल नंबर 2 में भारतीय भाषाओं के लेखक विभिन्न साहित्यिक विषयों, पुस्तकों एवं विधाओं पर बात करेंगे. इसके लिए लेखक मंच बनाया गया है. हाल नं 3 बच्चों के लिए है, जिसमें बच्चों से जुड़े हर विषय की पुस्तकें, स्टेशनरी, कला एवं शिल्प आदि सामग्री उपलब्ध होगी. बालमंडप में बच्चों के लिए विभिन्न रचनात्मक गतिविधियों की व्यवस्था है. हाल 4 में अंतरराष्ट्रीय गतिविधियों आयोजित होंगी और हाल 5 थीम मंडप का है. इस बार की थीम है- ‘बहुभाषी भारत: एक जीवंत परंपरा’ जिसको ध्यान में रखते हुए विश्व पुस्तक मेले में हर आयु वर्ग के लिए हर भाषा की पुस्तकें उपलब्ध रहेंगी. नेशनल बुक ट्रस्ट इंडिया के अध्यक्ष प्रोफेसर मिलिंद सुधाकर मराठे के अनुसार ‘भारत भाषाओं से समृद्ध देश है. भारतीय भाषाओं में पूरे विश्व का ज्ञान मिल जाता है. इसमें साहित्य की अहम भूमिका है. इस बार के विश्व पुस्तक मेले में भाषाओं का साहित्यिक जश्न मनाया जाएगा. प्रेस वार्ता में सम्मानित अतिथि देश सऊदी अरब की तरफ से द लिटरेचर, पब्लिशिंग एंड ट्रांसलेशन कमीशन के पब्लिशिंग जनरल मैनेजर डा अब्दुल्लतीफ अल्वसिल और आईटीपीओ की जनरल मैनेजर हेमा मैती भी उपस्थित थी. इस साहित्यिक उत्सव से भारत और सऊदी अरब के बीच ऐतिहासिक धरोहर, भाषा और संस्कृति की समझ को बढ़ावा मिलेगा और भारत व सऊदी अरब के अंतरराष्ट्रीय संबंध और भी प्रगाढ़ होंगे.