खगड़िया: अखिल भारतीय साहित्य सृजन मंच खगड़िया ने अपना प्रथम वार्षिक महाधिवेशन आयोजित किया. चार सत्रों के इस राष्ट्रीय समारोह का उद्घाटन वयोवृद्ध भूवैज्ञानिक साहित्यकार डा मेहता नरेंद्र सिंह ने किया. उद्घाटन सत्र की अध्यक्षता इंजीनियर रमेश ने की. विशिष्ट अतिथि के रूप में ज्वाला सांध्यपुष्प, पंडित चन्द्रशेखर, डा केके चौधरी, डा मंजू श्री वात्स्यायन, डा भगवान प्र उपाध्याय, डा राजेंद्र प्रसाद, डा राम लखन चौरसिया वागीश, सुषमा सिन्हा, प्रो उषा झा रेणु ने शिरकत की. संचालन डा कपिलदेव महतो ने किया. कार्यक्रम की शुरुआत शिव कुमार सुमन रचित सरस्वती वंदना एवं खगरिया गान से हुई, जिसे काजल कुमारी ने प्रस्तुत किया. मंच के संस्थापक शिव कुमार सुमन ने प्रतिवेदन प्रस्तुत किया. उन्होंने बताया कि मंच ने एक वर्ष के अपने अल्पकाल में चार पुस्तकों का प्रकाशन, 13 आयोजन, 345 कार्यशाला का संचालन और 236 सम्मान पत्र जारी कर राष्ट्रीय फलक पर अपनी एक अलग पहचान बनाई है. स्वागताध्यक्ष सुखनंदन बिहारी एवं स्वागत सचिव नंदकिशोर सिंह ने अतिथियों का स्वागत फूल-माल एवं शब्द-माल से किया. इस सत्र में पुस्तकों का लोकार्पण भी हुआ, जिसमें सूर्य कुमार पासवान जी पुस्तक ‘मैं भी तुम जैसा हूं‘, पंडित चंद्रशेखर की ‘आस पास‘, सुषमा सिन्हा की ‘कथा कहानी‘, प्रोफेसर उषा झा रेणु की ‘साधना के सोपान‘, सिया राम मयंक की ‘गुल ए चमन‘ और ज्योति नव्या की ‘पथिक‘ शामिल है. इसी सत्र में खगड़िया गौरव सम्मान भी 26 लोगों को दिए गये.
द्वितीय सत्र की अध्यक्षता सूर्य कुमार पासवान ने की. मुख्य अतिथि सुधीर कुमार प्रोगामर थे. इस सत्र में बाबा बैद्यनाथ झा, डा बनवारी पारीक नवल, लाजपतराय गर्ग, डा रफीक नागोरी कालजयी घनश्याम, राजकुमार निजात, डा अलका वर्मा, डा पंकजवासिनी, ज्योति नाव्या श्री, रंजन लता, विशिष्ट अतिथि के रूप में त्रिलोक नाथ ठाकुर, पंकज कुमार पाण्डेय, अवधेश कुमार आशुतोष, विकास सोलंकी, डा रामदेव प्रसाद शर्मा, अभय कुमार भारती, रितु प्रज्ञा, डा स्वराक्षी स्वरा, प्रेम चंद्र मिश्र, राजेंद्र कुमार राजेश, अशोक कुमार चौधरी, किशोर कुमार यादव, मनीष कुमार गूंज, कपिल देव ठाकुर कृपाला, प्रभाकर सिंह, कुमारी अनुपम सिंह, आनंद भूषण श्रीवास्तव, रतन राघव सास्कृत्यायन, चम्पा राय, विकास कुमार अलौली, बबीता कुमारी, शंभू नारायण चौधरी आदि उपस्थित थे. संचालन नंदकिशोर सिंह, विकास कुमार विधाता, संगीता चौरसिया एवं निशांत कुमार ने किया. रचना पाठ के उपरांत संबंधित साहित्यकारों को कोशी साहित्य गौरव सम्मान, खगड़िया गौरव सम्मान, पांडुलिपि सम्मान और दूसरे सम्मान दिए गए. तीसरे की अध्यक्षता गजलगो अवधेश्वर प्र सिंह ने किया. मुख्य अतिथि गजलगुरु रमेश कंवल तथा विशिष्ट अतिथि प्रो उषा झा रेणु, डा रफीक नागोरी, सीताराम शेरपुरी, सूर्य नारायण गुप्त सूर्य मंचासीन थे. डा पूनम सिन्हा श्रेयशी, सियाराम यादव मयंक, डा विद्या चौधरी, डा प्रतिभा कुमारी पराशर, डा प्रेमचंद पांडे, द्वारिका राय सुबोध, रंजना सिंह अंगवाणी, दिलीप समदर्शी, राजेंद्र राज, विकाश आदि की सक्रिय उपस्थिति थी. संचालन मंच के संस्थापक शिवकुमार सुमन एवं साधना भगत ने किया. चतुर्थ सत्र में सम्मान समारोह था. प्रो चन्द्रिका प्र सिंह विभाकर ने अध्यक्षता की. मुख्य अतिथि डा विवेकानंद, रमेश कंवल, प्रभाकर प्रभात, प्रो अरविन्द कुमार सिंह, ई धर्मेन्द्र, प्रवीण कुमार अवधेश्वर प्र सिंह, सूर्य कुमार पासवान आदि की उपस्थिति में पंद्रह राज्यों से लगभग चालीस साहित्यकारों को उनकी प्रकाशित पुस्तकों के लिए कोसी साहित्य शौर्य सम्मान, कोसी साहित्य रत्न सम्मान एवं कोसी साहित्य श्रेष्ठ सम्मान से सम्मानित किया गया. मंच की प्रवक्ता साधना भगत ने बताया कि इस महाधिवेशन में 23 स्वर्ण, 21 रजत, 21 श्रेष्ठ सम्मान, 19 पांडुलिपि सम्मान, 26 खगड़िया गौरव सम्मान, 10 विशेष सम्मान सहित कुल 121 सम्मान जारी किए गए. सम्मानित व्यक्ति को प्रशस्ति पत्र, रेशमी शाल, स्मृति चिह्न, फूल माला, बुके इत्यादि भेंट किया गया. नंदकिशोर सिंह के बिदाई गीत एवं सूर्य कुमार पासवान के अध्यक्षीय अभिभाषण उपरांत महाधिवेशन की समाप्ति हुई.