श्रीनगर: जम्मू-कश्मीर के प्रसिद्ध कवि और दूरदर्शन-आकाशवाणी श्रीनगर के पूर्व निदेशक फारूक नाजकी के निधन पर राज्य की सियासी और साहित्यिक हस्तियों ने गहरा शोक व्यक्त किया है. साहित्य अकादेमी पुरस्कार विजेता 83 वर्षीय नाजकी मूल रूप से जम्मू-कश्मीर के बांदीपोरा जिले के मदार गांव के निवासी मीर गुलाम रसूल नाजकी के पुत्र थे. उन्होंने कश्मीरी के सुप्रसिद्ध कवि, लेखक, प्रसारक, शिक्षक और नाटककार के रूप में अपनी पहचान बनाई. उन्हें कश्मीरी और उर्दू दोनों भाषाओं में जबर्दस्त पकड़ के लिए जाना जाता था. नाजकी ने 1960 में एक स्थानीय समाचार-पत्र से पत्रकार के रूप में अपना करियर शुरू किया था. यहां रहते हुए उन्होंने श्रमिक वर्ग की समस्याओं को उजागर किया. उन्होंने 1986 से 1997 तक दूरदर्शन और आकाशवाणी श्रीनगर के निदेशक के रूप में कार्य किया. वर्ष 1995 में उन्हें उनके कविता-संग्रह ‘नार ह्युतुन कंजल वानास’ यानी ‘द फारेस्ट आफ सूट आर आन फायर’ के लिए कश्मीरी भाषा साहित्य में साहित्य अकादेमी पुरस्कार जीता. उन्हें इस संग्रह और ‘लफ्ज लफ्ज नोहा’ के लिए राज्य संस्कृति अकादेमी अवार्ड से भी नवाजा गया. नाजकी दो-दो मुख्यमंत्रियों, फारूक अब्दुल्ला और उमर अब्दुल्ला के मीडिया सलाहकार भी रहे थे.

जम्मू-कश्मीर नेशनल कांफ्रेंस के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला और उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला ने कहा कि एक कवि और प्रसारक के रूप में अपनी बहुमुखी प्रतिभा के लिए प्रसिद्ध फारूक नाजकी सबसे प्रतिष्ठित साहित्यिक हस्तियों में से एक के रूप में एक अमिट छाप छोड़ते हैं, उनकी विरासत आने वाली पीढ़ियों को प्रेरणा देती रहेगी. पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी की अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने कहा कि उनके शब्द साहित्य की दुनिया में प्रकाश की एक किरण हैं. डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव आजाद पार्टी के अध्यक्ष गुलाम नबी आजाद ने कहा कि उनकी साहित्यिक प्रतिभा और मीडिया में उपस्थिति अद्वितीय थी. आजाद ने कहा, “प्रसारण और साहित्य के क्षेत्र में उनका योगदान हमारे सांस्कृतिक और साहित्यिक खजाने पर चिरस्थायी प्रभाव डालेगा.” अपनी पार्टी के अध्यक्ष अल्ताफ बुखारी ने कहा कि आज वे धरती के सच्चे सपूत के निधन पर शोक व्यक्त करते हैं. बुखारी ने कहा कि एक प्रतिष्ठित कवि, प्रसारक और मीडिया व्यक्तित्व के रूप में उनकी विरासत हमेशा प्रेरित करेगी, और समाज, साहित्य और कश्मीरी भाषा के प्रति उनके योगदान को हमेशा याद किया जाएगा. उनका निधन जम्मू-कश्मीर के समग्र समाज के लिए एक गहरी क्षति है. पीपुल्स कांफ्रेंस के अध्यक्ष सज्जाद लोन ने कहा कि फारूक नाजकी का जाना जम्मू-कश्मीर के सांस्कृतिक और मीडिया परिदृश्य में एक महत्त्वपूर्ण अध्याय के अंत का प्रतीक है. उन्होंने कहा कि कविता, प्रसारण और मीडिया के दिग्गज, फारूक नाजकी की शानदार कविताओं और अपनी कला के प्रति दृढ़ प्रतिबद्धता ने उन्हें व्यापक सम्मान दिलाया.