नई दिल्ली: साहित्य अकादेमी में ब्राजील से पधारी अंतर्राष्ट्रीय प्रकाशक संघ की अध्यक्ष केराईन पैन्सा ने विश्व में प्रकाशन उद्योग के सामने आ रही चुनौतियों और कापीराइट उल्लंघन की समस्या से निपटने के बारे में अपने विचार वक्तव्य किए. उन्होंने अंतर्राष्ट्रीय प्रकाशक संघ द्वारा लेखकों, प्रकाशकों और अनुवादकों के अधिकारों पर निर्धारित नीतियों के बारे में अपने विस्तृत विचार रखे. उन्होंने प्रकाशन उद्योग के सामने निरंतर आ रही इस समस्या को सुलझाने और इसकी व्यापक समझ पैदा करने के लिए किए जा रहे प्रयासों के बारे में भी विस्तार से बताया. कार्यक्रम में उपस्थित भारतीय प्रकाशक संघ के कई सदस्यों द्वारा पूछे गए प्रश्नों के उत्तर देते हुए उन्होंने कहा कि एआई और तकनीकी के लगातार बढ़ते प्रयोग के कारण कापीराइट उलंघन से इस समस्या में और वृद्धि हुई है और लेखक अपने अधिकारों की सुरक्षा को लेकर असमंजस की स्थिति में हैं. पैन्सा ने अपने वक्तव्य के दौरान और बाद में भी भारतीय और वैश्विक भाषा के अन्य लेखकों द्वार समय-समय पर व्यक्त की गई इस समस्या को दूर करने के लिए और प्रकाशकों पर भरोसा करने के प्रयासों पर भी विस्तार से प्रकाश डाला.

कार्यक्रम के आरंभ में साहित्य अकादेमी के सचिव के श्रीनिवासराव ने उनका स्वागत अंगवस्त्रम एवं साहित्य अकादेमी की पुस्तकें भेंट करके किया. अपने स्वागत भाषण में उन्होंने कहा कि पूरे विश्व में प्रकाशकों, लेखकों और अनुवादकों के बीच के संबंधों ने लंबी दूरी तय की है और अब वे तकनीकी के बढ़ते प्रयोग के कारण नई चुनौतियों का सामना कर रहे हैं. केराईन पैन्सा के साथ यह कार्यक्रम प्रकाशन उद्योग में प्रकाशकों और लेखकों के बीच कापीराइट उल्लंघन को लेकर अधिक सजग और संवेदनशील बनाने के उद्देश्य से रखा गया था. कार्यक्रम में अबूधाबी अरेबिक लैंग्वेज सेंटर के इब्राहिम मोहम्मद अलसलमा ने भी अपने विचार व्यक्त किए. इस अवसर पर भारतीय प्रकाशक संघ के प्रणव गुप्ता, रमेश मित्तल, नवीन गुप्ता एवं कई पदाधिकारी उपस्थित थे. यह कार्यक्रम नई दिल्ली विश्व पुस्तक मेले के अवसर पर साहित्य अकादेमी के सभाकक्ष में विशेष रूप से आयोजित किया गया था.