भुबनेश्वर: सुप्रतिष्ठित कलिंग लिटरेरी फेस्टिवल (केएलएफ) का वार्षिक आयोजन 24 से 26 फरवरी तक मंदिरों के शहर के रूप में लोकप्रिय ओडिशा की राजधानी भुबनेश्वर के स्वस्ति प्रीमियम होटल में होने जा रहा है। नौंवे साल में इस साहित्य उत्सव में विश्व भर के लेखक, वक्ता, चिंतक और अनेक क्षेत्रों के विशेषज्ञों के कार्यों का प्रदर्शन किया जाएगा। समारोह में दिखेगी 10 देशों के प्रतिनिधियों द्वारा 25 से अधिक भाषाई विविधता।
2023 संस्करण में विभिन्न देशों के 500 से अधिक वक्तागण को आमंत्रित किया गया है जिनमें शामिल हैं नोबेल, इंटरनेशनल बुकर, साहित्य अकादमी जैसे अनेक पुरस्कारों के विजेता भी। इस आयोजन में अनेक महत्त्वपूर्ण विषयों को शामिल किया गया है जिनमें प्रमुख हैं, समकालीन जलवायु न्याय विमर्श, स्त्रि विमर्श के तहत महान महिला लेखक और कलाकार, अपराध-कथा, संस्मरण, अनुवाद, काव्य, अर्थशास्त्र, टेक मोरालिटी, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, वैश्विक संकट, आधुनिक विज्ञान, भारत और विश्व, कला और फोटोग्राफी, स्वास्थ्य और औषधि।
इस बार इस साहित्यिक आयोजन का केंद्रीय विषय है “भारत और विश्व“। ‘वसुधैव कुटुंबकम‘ का मंत्र भारतीय सभ्यता को शाश्वत रूप से प्रेरित करता रहा है। यह आदर्श किसी एक संस्कृति, सामाजिक अथवा राजनीतिक-तंत्र की श्रेष्ठता का अनुमोदन नहीं करता बल्कि यह पारस्परिक उन्नति के लिए विभिन्न राष्ट्रों, समुदायों एवं संस्कृतियों को एक साथ आने का आग्रह करता है।
कलिंग लिटरेरी फेस्टिवल का उदय देश के एक अग्रणी साहित्यिक प्लेटफॉर्म के रूप में हुआ है। यह युवा एवं अनुभवी दोनों प्रकार के साहित्यकारों को आकर्षित करता है। यह अभूतपूर्व आयोजन अपने नौंवे संस्करण में राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ख्यातिलब्ध हस्तियों को एक मंच पर विमर्श के माध्यम से साहित्यिक विविधता में समानता के स्वर तलाशने के लिए आमंत्रित करता है। तीन दिवसीय समारोह में साहित्य, स्वतंत्रता, गणतांत्रिक मूल्यों, सांस्कृतिक विविधता, सामाजिक एकता में अंतर्निहित संबंधों के विभिन्न आयामों को कवर किया जाएगा।
परिचर्चा के विषय होंगे, लोकतंत्र, सांस्कृतिक राष्ट्रवाद, जेनेरेशन वाई, भारतीय भाषा, प्रकाशन उद्योग, अध्यात्म, मीडिया, बाज़ार, शिशु, महिला, ट्रांसजेंडर, नागरिक सहभागिता, सिनेमा, खेल, नीतिशास्त्र, भेद-भाव, क्रांति, शांति-स्थापना, विवाद-समाधान और सद्भाव। विषय-विशेषज्ञों के साथ कई वन-टू-वन सत्र भी होंगे। एक सत्र कथा सुनाने का भी होगा।
इसके अतिरिक्त इस तीन दिवसीय उत्सव में 30 से अधिक पुस्तकों का लोकार्पण किया जाएगा। केएलएफ के प्रतिनिधि और वक्तागण को मिस्टिक वॉक नामक विरासत-भ्रमण, वृक्षारोपन और मिस्टिक माइक जैसी गतिविधियों में भाग लेने का अनुपम अवसर मिलेगा। समारोह में आने वाले प्रतिनिधियों के लिए केएलएफ ने स्थानीय सायकिल-क्लब के साथ करार किया है ताकि आगंतुक प्राचीन धरोहर एवं आधुनिक नगर-नियोजन का प्रत्यक्ष अनुभव कर सकें। उत्सव के दौरान साहित्य में प्रतिष्ठित कलिंग लिटरेरी अवार्ड प्रदान किया जाएगा।
केएलएफ के संस्थापक निदेशक रश्मि रंजन परीदा ने कहा कि वे उम्मीद करते हैं कि अंतरराष्ट्रीय बुकर पुरस्कार विजेता लेखिका गीताश्री भी समारोह में आएंगी। हम नोबल पुरस्कार विजेता कैलाश सत्यार्थी एवं अन्य अंतरराष्ट्रीय और साहित्य अकादमी पुरस्कार विजेता साहित्यकारों के आने पर गौरवांवित महसूस कर रहे हैं। सीताकांत मोहापात्रा, प्रतिभा रे, रमाकांत रथ, जयंता मोहापात्रा, संजीव सान्याल, रंजीत होसकोटे, रक्षंदा जलिल, शेखर पाठक, दया दिशानायके, राजेश सिंह, सच्चिदानंद जोशी, अल्का सरावगी, व्योमेश शुक्ल, गीत चतुर्वेदी, गगन गिल, सत्या व्यास, प्रवीण कुमार, हिंडोल सेनगुप्ता, प्रभात रंजन, असग़र वज़ाहत, दिव्य प्रकाश दूबे, नवतेज सरना, अक्षय मुकुल और कई अन्य साहित्यकार इस समारोह में शामिल होकर समकालीन विमर्श में योगदान करेंगे।
केएलएफ के संयोजक आशुतोष कुमार ठाकुर ने कहा, “केएलएफ का नौंवा संस्करण आशावादिता के संकल्प के साथ आया है। हमारी वापसी हमारे कार्यक्रम के लचीलापन व आगे बढने की प्रवृत्ति पर बल देता है। हम दुनिया भर के चुनिंदा लिखकीय प्रतिभा को एकत्रित किया है। इस वर्ष यह समारोह वास्तव में वैश्विक साहित्य के सुपरस्टारों का दर्शनीय संगम होगा। हम टेंपल सीटी भुवनेश्वर में वापस आकर बहुत खुश हैं।“
2013 में अपननी स्थापना के बाद से यह उत्सव अब तक विश्व भर से करीब 2500 वक्ताओं, कलाकारों और पुस्तकप्रेमियों का आतिथ्य कर चुका है। कलिंगा लिटरेरी फेस्टिवल अपने नौंवे संस्करन के साथ एक बार फिर वापस आ गया है आपके मनोरंजन के साथ-साथ आपको मानसिक स्फूर्ति, आपके विचारों को गति और ज्ञान को विस्तार देने। केएलएफ के इस आयोजन में नेपाल, श्रीलंका, जापान, इंगलैंड, इटली, दक्षिण अफ्रिका, ऑस्ट्रिया के चर्चित लेखकों समेत दुनियां भर के 100 से अधिक कलाकार भाग लेंगे ।
कलिंग लिटरेरी फेस्टिवल के अंतर्गत तीन दिनों तक भारत के कला, संस्कृति और साहित्य को प्रतिबिंबित करने के लिए हर दिन सांस्कृतिक कार्यक्रम होंगे। केएलएफ के इस वर्ष के आयोजन में दैनिक जागरण न्यूजपेपर पार्टनर है.