नई दिल्ली: कलिंगा लिटरेरी फेस्टिवल ने अपने वार्षिक केएलएफ पुरस्कारों के लिए चयनित पुस्तकों की घोषणा कर दी है. अंग्रेजी और हिंदी की इस लांगलिस्ट में कथा, कथेतर, कविता, बाल साहित्य, व्यापार, अनुवाद और नवोदित पुस्तक शामिल हैं. यह सूची समकालीन साहित्य में सर्वश्रेष्ठ को सम्मानित करने के कलिंगा लिटरेरी फेस्टिवल के मिशन का प्रमाण है. केएलएफ पुस्तक पुरस्कार हिंदी में 6 श्रेणियों और अंग्रेजी में 7 श्रेणियों में प्रदान किए जाएंगे. इस वर्ष की लांगलिस्ट में अंग्रेजी के जो उल्लेखनीय कार्य शामिल हैं, उनमें विकास स्वरूप की ‘द गर्ल विद द सेवन लाइव्स’, उपमन्यु चटर्जी की ‘लोरेंजो सर्चस फार द मीनिंग आफ लाइफ’, डा विक्रम संपत की ‘टीपू सुल्तान: द सागा आफ मैसूर इंटररेग्नम (1760-1799)’, मनु एस पिल्लई की ‘गाड्स, गन्स, एंड मिशनरीज: द मेकिंग आफ द माडर्न हिंदू आइडेंटिटी’, सोमनाथ बाताब्याल की ‘रेड रिवर’, तानिया जेम्स की ‘लूट’, दिलीप सिन्हा की ‘इम्पीरियल गेम्स इन तिब्बत’, त्रिदीप सुहृद की ‘द डायरी आफ मनु गांधी (1946-1948)’, स्मार्क स्वेन की ‘डिजिटल फार्च्यून्स: ए वैल्यू इन्वेस्टर गाइड टू द न्यू इकोनामी’, रवि चौधरी की ‘कैपिटलिज्म टू पीपलिज्म’ आदि.
लांगलिस्ट सूची में हिंदी के उल्लेखनीय कार्य में लेखक अनंत विजय की ‘ओवर द टॉप: ओटीटी का मायाजाल’, विमल चंद्र पांडे की ‘दशासमेध’, गरिमा श्रीवास्तव की ‘हिंदी नवजागरण: इतिहास, गल्प और स्त्री-प्रश्न’, नीलेश मिश्रा की ‘गांव से बीस पोस्टकार्ड’, कबीर संजय की ‘गोडावण: मोर अंगना की सोन चिड़िया’, यतीश कुमार की ‘बोरसी भर आंच- अतीत का सैर-बीन’, मनीषा कुलश्रेष्ठ की ‘वन्या’, प्रभात रंजन की ‘किस्साग्राम’, भगवानदास मोरवाल की ‘कॉंस’, सर्वेश तिवारी ‘श्रीमुख’ की ‘पूर्णाहुति’, देवी प्रसाद मिश्रा की ‘कोई है जो’ शामिल है. इसी तरह हिंदी अनुवाद की सूची में सुजाता शिवेन द्वारा अनूदित ‘चरु, चीवर और चर्या’, पवन के वर्मा की ‘हिंदू सभ्यता का इतिहास’ और राजेंद्र धोड़पकर की ‘तुका आकाश जितना’ शामिल है. केएलएफ पुस्तक पुरस्कार की शार्टलिस्ट 30 जनवरी को जारी की जाएगी, जबकि विजेताओं की घोषणा 15 फरवरी को इंडिया इंटरनेशनल सेंटर नई दिल्ली में केएलएफ पुस्तक पुरस्कार समारोह में की जाएगी. पुरस्कार विजेता को अभिनंदन-पत्र और शाल के साथ प्रत्येक श्रेणी में 1 लाख रुपए की सम्मान राशि भी प्रदान की जाएगी.