सियोलः “लेखक पतंगों-तितलियों की तरह मोमबत्ती की रोशनी की ओर आकर्षित होते हैं. पत्रकारिता मोमबत्ती की रोशनी है और अगर लेखक लौ के करीब आता है, तो वह जल सकता है. हालांकि इसके चारों ओर परिक्रमा करने से उनके साहित्यिक कार्यों को बहुत फायदा हो सकता है. लेकिन हमें यह जानना चाहिए कि रचनात्मकता के लिए फोकस, अनुशासन और अटूट समर्पण की आवश्यकता होती है, जबकि पत्रकारिता समय द्वारा शासित होती है. कुछ रचनाकार अपने साहित्यिक प्रयासों को आगे बढ़ाने के लिए इसके आकर्षण से बच जाते हैं.” यह बात गल्फ न्यूज के प्रधान संपादक अब्दुल हामिद अहमद ने 65वें सियोल अंतर्राष्ट्रीय पुस्तक मेले में पत्रकारिता में रचनात्मकता और सृजनात्मकता पर केंद्रित एक परिचर्चा में कही. अहमद ने गेब्रियल गार्सिया मार्केज़ का उल्लेख करते हुए इन दोनों ही क्षेत्रों के से उनके संबंधों को उद्धृत किया और बताया कि कैसे पत्रकारिता और साहित्य के बीच के संबंधों ने उनके उपन्यास और फिल्मों को सहज रूप से विकसित होने में मदद की. यों तो इस परिचर्चा का आयोजन पुस्तक मेले के अतिथि देश शारजाह ने कोरिया के साथ मिलकर किया था, पर परिचर्चा के निष्कर्ष अंग्रेजी, कोरियाई, अरबी, चीनी सहित हिंदी और दुनिया की सभी भाषाओं की पत्रकारिता और साहित्य पर लागू होते हैं.

परिचर्चा में शामिल विशेषज्ञों का कहना था कि लेखकों, पत्रकारों को यह जानना चाहिए कि ‘पत्रकारिता में हम समय का प्रबंधन नहीं करते हैं, बल्कि समय हमें प्रबंधित करता है.’ वक्ताओं ने पत्रकारिता और साहित्यिक रचनात्मकता की विशिष्ट विशेषताओं, अनुभवों, उनके भीतर की जटिल क्रियाओं और उनके परस्पर संबंधों पर गहराई से अपने विचार रखे. सत्र में कोरियाई आलोचक मिहयांग किम, लेखक व पत्रकार हज्जा अबू अल रिश, कोरियाई लेखक-पत्रकार योंग-सिल जियोंग ने भी अपने विचार रखे. अबू अल रिश ने लेखक की जिम्मेदारी पर जोर देते हुए पत्रकारिता और रचनात्मकता के बीच पेचीदा पर सहजीवी संबंधों पर जोर देकर इनसे होने वाले लाभों पर ध्यान देने की बात कही. उन्होंने कहा इससे बेहतर भाषा कौशल, नए विषय और समाज के साथ पत्रकारिता के संबंध और गहरे होंगे. योंग-सिल जियोंग ने कोरियाई साहित्य के समृद्ध इतिहास उल्लेख किया, और उन लेखकों के बारे में बताया, जिन्होंने पत्रकारिता के क्षेत्र से अपनी साहित्यिक यात्रा शुरू की थी. उन्होंने कई प्रशंसित लेखिकाओं के बारे में बताया, जिन्होंने पत्रकारिता के माध्यम से अपने साहित्यिक मार्ग को चुना और बाद में अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर पहचान हासिल की. जियोंग ने पत्रकारिता को वास्तविक और सीधी भाषा से तथ्यों को व्यक्त करने और जनहित के मामलों से आंतरिक रूप से जुड़ा बताया और कहा कि लेखकों में अपनी साहित्यिक रचनाओं को अनूठी शैली और असीम कल्पना के साथ व्यक्त करने की उल्लेखनीय क्षमता है.