जमशेदपुर: अखिल भारतीय भोजपुरी साहित्य सम्मेलन की झारखंड-प्रांतीय इकाई ने स्थानीय तुलसी भवन के प्रयाग कक्ष में कबीर जयंती सह भोजपुरी दिवस समारोह का आयोजन किया. इस अवसर पर बैठक सह काव्य गोष्ठी आयोजित हुई. सर्वप्रथम दीप प्रज्वलन के बाद कबीरदास के चित्र पर पुष्प अर्पित कर आयोजन की शुरुआत हुई. इसके डा संध्या ने बैठक के मुद्दों को प्रस्तावित किया. इन मुद्दों में प्रांत में रचनात्मक कार्य करने, भोजपुरी अकादमी के गठन के लिए सरकार को आवेदन देने, मासिक, द्विमासिक या त्रिमासिक बैठक आयोजित करने, हर माह किसी न किसी विधा पर कार्यक्रम आयोजित करने, नये सदस्य बनाने, बैठक, कार्यक्रम झारखण्ड के विभिन्न नगरों में आयोजित करने, समाचार पत्रों में भोजपुरी के लिए प्रतिदिन या साप्ताहिक स्थान दिलाने आदि मुद्दों पर गंभीर चर्चा हुई. बैठक में प्रांतीय इकाई की महामंत्री डा संध्या सिन्हा ने ‘कबीरदास: भोजपुरी के आदिकवि‘ विषय पर अपना सारगर्भित वक्तव्य दिया.
कार्यक्रम के अगले चरण में कविता गोष्ठी आयोजित हुई, जिसमें लगभग बीस कवियों ने भोजपुरी कविता, गीत-गजल इत्यादि प्रस्तुत किए. अंत में अखिल भारतीय भोजपुरी साहित्य सम्मेलन के उपाध्यक्ष डा अजय कुमार ओझा ने भोजपुरी के विकास के लिए अपने विचार दिए. अध्यक्षीय संबोधन में अरुण कुमार तिवारी ने झारखंड में भोजपुरी को सुदृढ़ बनाने के लिए रचनात्मक कार्य करने का सुझाव दिया. मौके पर डा संध्या सिन्हा द्वारा संपादित पत्रिका ‘अंगना‘ के लोकगीत विशेषांक का लोकार्पण भी हुआ. कार्यक्रम की अध्यक्षता अखिल भारतीय भोजपुरी साहित्य सम्मेलन की प्रवर समिति के सदस्य अरुण कुमार तिवारी ने की जबकि संचालन दिवेन्दु त्रिपाठी ने किया. धन्यवाद ज्ञापन आरती श्रीवास्तव ने किया. कवि गोष्ठी में आरती श्रीवास्तव, शकुंतला शर्मा, शैलेन्द्र पाण्डेय शैल, उदय प्रताप हयात, रीना सिन्हा, माधवी उपाध्याय, बलविंदर सिंह, ब्रजेन्द्र मिश्र, हरिहर राय चौहान, जीतेश तिवारी, लक्ष्मी सिंह, राजेन्द्र साह राज, राजेंद्र प्रसाद सिंह, यमुना तिवारी व्यथित, शकुंतला शर्मा, दिव्येन्दु त्रिपाठी, डा संध्या सिन्हा आदि ने अपनी कविताएं प्रस्तुत कीं.