नई दिल्ली: केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री ने प्रयागराज महाकुंभ को समर्पित गीत ‘महाकुंभ है’ और ‘जय जय महाकुम्भ, पग-पग जयकारा…’ को जन-समर्पित किया. आकाशवाणी द्वारा प्रस्तुत ‘महाकुंभ है’ गीत, संगीत और गीतात्मक प्रस्तुति के सामंजस्यपूर्ण मिश्रण के माध्यम से महाकुंभ के आध्यात्मिक, सांस्कृतिक और धार्मिक महत्त्व को समाहित करता है. कैलाश खेर द्वारा गाया गया यह गीत, भक्ति, उत्सव और प्रतिष्ठित महाकुंभ के जीवंत सांस्कृतिक सार को समाहित करता है. आलोक श्रीवास्तव द्वारा लिखित और क्षितिज तारे द्वारा रचित संगीत से बना यह गीत महाकुंभ की भव्यता को एक श्रद्धांजलि है, जो प्रयागराज में पवित्र त्रिवेणी संगम पर आयोजित किया जाता है. एक भक्त के दृष्टिकोण से देखने पर यह संगीतमय उत्कृष्ट कृति इस विश्व प्रसिद्ध जमावड़े के भाव को दर्शाती है. महाकुंभ का आगमन प्रयागराज की धरती के लिए गर्व का क्षण है, जो लाखों भक्तों की श्रद्धा व्यक्त करने वाले मंत्रों के साथ गूंजता है.
इसी तरह ‘जय महाकुम्भ जय महाकुम्भ, पग पग जयकारा महाकुम्भ…’ गीत रतन प्रसन्ना के भावपूर्ण स्वरों के साथ जीवंत हुआ है, जिसमें संतोष नाहर और रतन प्रसन्ना का संगीत है. अभिनय श्रीवास्तव द्वारा लिखे गए प्रेरणादायक बोल, दिव्यता के साथ आध्यात्मिक संबंध को खूबसूरती से बुनते हैं. इस गीत में त्रिवेणी संगम पर डुबकी लगाने के पवित्र कार्य को गीत में एक शुद्धिकरण अनुष्ठान के रूप में मनाया गया है, जो युगों तक आध्यात्मिक पूर्ति प्रदान करता है. आकाशवाणी द्वारा प्रस्तुत यह मधुर स्वरांजलि महाकुंभ की कालातीत परंपराओं और पवित्रता का सम्मान करती है, जिससे श्रोताओं के बीच भक्ति और गौरव की भावना का संचार होता है. भारत की सांस्कृतिक और आध्यात्मिक विरासत के इस असाधारण उत्सव को देखने के लिए दर्शकों में उत्सुकता हो सकती है. केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण, रेल और इलेक्ट्रानिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने दिल्ली में इन गीतों का लोकार्पण किया. इस आधिकारिक संगीत के वीडियो दूरदर्शन और आकाशवाणी के डिजिटल प्लेटफार्म पर उपलब्ध हैं.