गया: “बोधगया आध्यात्मिक महत्व का स्थल और वह भूमि हैजहां महान भगवान बुद्ध को ज्ञान प्राप्त हुआ था. मानवता की सामूहिक चेतना में बोधगया का विशेष स्थान है….मेरा दृढ़ विश्वास है कि शिक्षा सामाजिक परिवर्तन की सबसे प्रभावशालीपरिवर्तनकारी व्यवस्था है जो समानता का एहसास कराती है और असमानताओं को दूर करती है.” यह बात उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने बोधगया स्थित भारतीय प्रबंधन संस्थान के छठे दीक्षांत समारोह को संबोधित करते हुए कही. उपराष्ट्रपति ने नेतृत्व में मूल मूल्यों के महत्त्व को रेखांकित कियातथा युवाओं को प्रलोभन और अनैतिक तौर-तरीकों को लेकर आगाह किया. उन्होंने कहा कि नैतिक नेतृत्व पर समझौता नहीं किया जा सकतानैतिकता से समझौता करने से आप उस तरह का विजेता नहीं बन सकतेजिसे दुनिया सलाम करेगी. उन्होंने कहा कि भारत आज केवल संभावनाओं वाला या सोया हुआ विशाल राष्ट्र नहीं रह गया है. यह पहले से कहीं अधिक बढ़ रहा है. भारत का उत्थान अजेय है. यह सब आपके बड़े लाभ के लिए है. उपराष्ट्रपति ने कहा कि प्रत्येक व्यक्ति भारत के भविष्य का पथ-प्रदर्शक है. जब प्रतिभाबुद्धि और ज्ञान की बात आती है तो आप दुनिया में सर्वश्रेष्ठ में से एक हैं. मैं आपको भारत की विकास गाथा में नए अध्याय लिखने के लिए अपनी प्रतिभा और कौशल का उपयोग करने के लिए प्रोत्साहित करता हूं और यह कितनी उल्लेखनीय कहानी होने वाली है!

उपराष्ट्रपति ने युवाओं से आह्वान किया कि सदैव याद रखेंएक नेता के रूप में सफलताप्रशंसासंगठनात्मक और व्यावसायिक विकास के लिए आपकी तीव्र खोज आपको व्यवसाय में मानवता और सहानुभूति के महत्व को भूलने नहीं देगी. आप लोकतंत्र में सबसे बड़े हितधारक हैंआप इस देश का भविष्य हैं. आपको मैराथन मार्च का नेतृत्व करना है और इसलिएमैं आपसे अपील करता हूंइसे एक आदत बना लें. आप सभी समझदार प्रतिभाशाली लोग हैंआप हमेशा राष्ट्र के लिए खड़े रहेंगेहमेशा राष्ट्र को पहले रखेंगे. हम उस पर कभी समझौता नहीं कर सकते. मेशा याद रखें कोई भी आर्थिक लाभ नहींचाहे वह कितना भी प्रचुर क्यों न होहमारे आर्थिक राष्ट्रवाद से समझौता नहीं करना हैइसे आदत और राष्ट्रीय आदत बनाना चाहिए. इससे आसानी से और जल्दी पैसा मिल जाता है. सोचिए कि राष्ट्र को इसकी कितनी कीमत चुकानी पड़ेगी. यदि देश के भीतर कच्चे माल का मूल्यवर्धन होतातो विदेशी मुद्रा बचाने और रोजगार और उद्यम के अवसर पैदा करने के मामले में लाभ बहुत बड़ा होता. यह हमारे देश की समृद्धि और संप्रभुता के लिए जरूरी है. क्योंकि अगर हमारे सुरक्षा माहौल पर नजर डाली जाए तो पारंपरिक दिन जा रहे हैं. यदि आपकी अर्थव्यवस्था शक्तिशाली हैतो आप मजबूत हैं. उन्होंने कहा कि आप स्नातक विद्यार्थी जो करना चाहते हैं उसके बारे में समझदारी से चुनाव करें. आज आपके पास यह चुनने के लिए कई विकल्प हैं कि आप किस प्रकार का काम करेंगे और कैसे करेंगे.