धौलपुर: “राजस्थान में सघन वृक्षारोपण की अत्यन्त आवश्यकता है, ताकि मरूधरा की पहचान वाली वीर भूमि राजस्थान को हरी-भरी वसुंधरा में परिवर्तित किया सके.” राज्य के शिक्षा एवं पंचायती राज मंत्री मदन दिलावर ने स्थानीय लवानियां पैलेस में आयोजित ‘अमृत पर्यावरण महोत्सव‘ के तहत आयोजित परिचर्चा में यह बात कही. उन्होंने कहा कि अभियान की तारीख आठ अगस्त तय की गई है. इस दिन ‘अमृत पर्यावरण महोत्सव‘ के नाम से प्रदेश भर में एक साथ एक ही दिन करोड़ों पौधे लगाये जायेंगे. अभियान के प्रति प्रदेशवासियों व नागरिकों का जुड़ाव बने, इसके लिये ‘एक पेड़ देश के नाम‘ जनांदोलन का नारा दिया गया है. उन्होंने कहा कि प्रदेश में आठ अगस्त को अमृत पर्यावरण महोत्सव मनाने की तैयारी शुरू हो गई है. उन्होंने किसानों से वृक्षारोपण करने के लिए आग्रह किया और कहा कि किसान सबसे बड़े वीर हैं. किसान ही धरती का सीना चीर कर अन्न पैदा करते हैं और किसान वीर ही वृक्ष लगाए जाने के इस महाअभियान को सार्थक कर सकते हैं. उन्होंने किसानों को वृक्षों के महत्त्व के साथ जैविक खेती के लाभों के बारे में बताया.
परिचर्चा के दौरान यह बात सामने आई कि साल दर साल गर्मी की भीषणता बढ़ती जा रही है. तापमान में बढ़ोतरी का मुख्य कारण वृक्षों की कमी होना है, भारत में प्रति व्यक्ति केवल 28 पेड़ हैं वहीं राजस्थान में तो यह संख्या ज्यादा कम है. उन्होंने बड़े छायादार पेड़ पीपल, वट, शीशम इत्यादि के बारे में बताया. एक पूर्ण रूप से विकसित वृक्ष 230 लीटर आक्सीजन प्रतिदिन उत्सर्जित करता है. अगर इसके व्यापारिक मूल्य से गणना की जाये तो एक पेड़ प्रतिवर्ष पांच करोड़ रुपए मूल्य की ऑक्सीजन प्रदान करता है. शिक्षा मंत्री ने बताया कि अमृत पर्यावरण महोत्सव के तहत वृक्षारोपण के विभिन्न संस्थाओं, विभागों के लक्ष्य तय किये गए हैं. उन्होंने कहा कि प्रत्येक पेट्रोल पंप संचालक 300 वृक्ष लगायेगा, वहीं प्रत्येक छात्र उतने पौधे लगाएगा जितने कि उसके परिवार में सदस्य हैं. इस प्रकार उन्होंने धौलपुर में शिक्षा विभाग को 17 लाख से अधिक पौधे लगवाने का लक्ष्य दिया, वहीं किसानों को उतने पौधे लगाने का लक्ष्य दिया जितनी बीघा जमीन एक किसान के खाते में है. उन्होंने बताया कि किसी किसान द्वारा 200 से अधिक पौधे लगाने पर उनकी सिंचाई एवं देखभाल के लिए एक मनरेगा श्रमिक की नियुक्ति की जायेगी जिसका भुगतान राज्य सरकार द्वारा वहन किया जायेगा.