नई दिल्ली: “देश वर्ष 2014 से वर्ष 2025 तक के लिए सुशासन के 11वें वर्ष में प्रवेश कर रहा है. भारत सरकार का कैलेंडर 2025 राष्ट्र की प्रगति और परिवर्तनकारी शासन को उजागर करने के लिए इस माध्यम का उपयोग करने की लंबे समय से चली आ रही परंपरा में एक और अध्याय का प्रतीक है. केंद्रीय संचार ब्यूरो द्वारा डिजाइन और निर्मित यह कैलेंडर न केवल दिनों और महीनों के लिए एक मार्गदर्शक है, बल्कि समावेशिता, पारदर्शिता और भागीदारी पूर्ण शासन के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता का भी प्रतिबिंब है.” रेल भवन में कैलेंडर का अनावरण करते हुए केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण, रेलवे और इलेक्ट्रानिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने यह बात कही. भारत सरकार ने वर्ष 2025 के कैलेंडर के लिए ‘जनभागीदारी से जनकल्याण’ को मुख्य थीम के रूप में चुना है. कैलेंडर की शुरुआत आदर्श वाक्य ‘सर्वेषां मंगलं भूयात’ यानी सभी का कल्याण हो से होती है. इसके बाद कृषि, महिला सशक्तीकरण, युवा और राष्ट्र की प्रगति में क्षमता में क्षेतरीय प्रगति पर प्रकाश डाला गया है. अन्न का वधर्न हो यानी अधिक खाद्यान्न उत्पादन, शक्ति रूपेण संस्थिता का मंत्र महिलाओं को शक्ति कहकर राष्ट्र निर्माण में योगदान देना और युवाओं को उठकर, जागकर और ज्ञान प्राप्त करके ज्ञान प्राप्त करने का आह्वान करना, कैलेंडर के पहले चार महीनों में परिलक्षित होता है.
संस्कृत के साथ कैलेंडर हिंदी के कुछ नए मंत्र भी गढ़ता है. यथा- बुनियादी ढांचे के लिए कैलेंडर ‘राष्ट्र समृद्धि में पनपता है’ के मंत्र को दर्शाता है. यह स्वच्छता पर भी जोर देता है जैसा कि मई के महीने में ‘आंतरिक शुद्धता बाहरी स्वच्छता की ओर ले जाती है’ के आदर्श वाक्य के माध्यम से परिलक्षित होता है. जुलाई कैलेंडर ‘व्यायाम स्वास्थ्य के लिए सबसे सुरक्षित नुस्खा है’ के आदर्श वाक्य पर आधारित है, जबकि स्वतंत्रता दिवस महीने की थीम एक स्वस्थ जीवन शैली के माध्यम से सौ साल लंबे जीवन की कामना करती है. कैलेंडर में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को भारतीय अर्थव्यवस्था में योगदान की स्वीकृति के रूप में ‘उद्यमेन हि सिध्यन्ति कार्याणि’ के माध्यम से उद्यमों को प्रेरित करते हुए भी दर्शाया गया है. एकता दिवस महीने को प्रधानमंत्री द्वारा भारत के लौह पुरुष सरदार पटेल को नमन करते हुए दर्शाया गया जनजातीय गौरव दिवस के रूप में चिह्नित नवंबर महीने की विशेषता मातृभूमि के प्रति कृतज्ञता है. कैलेंडर दिसंबर के तकनीकी नवाचार पर ध्यान केंद्रित करने के साथ समाप्त होता है जिसमें ‘अपरिमितं भव्यम’ अर्थात भविष्य में असीम संभावनाएं हैं को मानवीय चेहरे के साथ शासन में विज्ञान और प्रौद्योगिकी के उपयोग को दर्शाने के सकारात्मक मंत्र को दर्शाता है.