कानपुरः भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान में राजभाषा प्रकोष्ठ और शिवानी केंद्र ने स्थानीय आउटरीच सभागार में ‘गाथा महोत्सव‘ का आयोजन किया.‘ कार्यक्रम का शुभारंभ आईआईटी कानपुर के निदेशक प्रो अभय करंदीकर के दीप प्रज्ज्वलन से हुआ. उन्होंने कहा कि ‘गाथा‘ भारतीय साहित्य को देश के कोने-कोने तक पहुंचाने में अभूतपूर्व कार्य कर रहा है. ‘गाथा‘ और आईआईटी का साथ लंबे समय तक रहने वाला है. इसके बाद ‘मीडिया के युग में बौद्धिक और सामाजिक चुनौतियां‘ विषय पर बोलते हुए उत्कर्ष अकादमी के निदेशक डॉ प्रदीप दीक्षित ने कहा कि हमें सोशल मीडिया को लेकर अपनी प्राथमिकताएं तय करनी होंगीअन्यथा वह दिन दूर नहीं है जब यह हमारे असली अस्तित्व को खा जाएगा. अभिनेता अखिलेंद्र मिश्रा ने कहा कि भारत कहानियों का देश है. यहां कहानियां बिखरी पड़ी हैंबस निर्माताओं को थोड़ा शोध और मिट्टी से जुड़ने की जरूरत है. सिनेमा में मानवीय मूल्यों को यदि जोड़ा जाएगा तो सिनेमा का स्तर निश्चय ही बहुत ऊपर जाएगा.

वर्तमान भारतीय परिप्रेक्ष्य में महिला सशक्तीकरण‘ सत्र में अनामिकाकमल मुसद्दी और लता कादम्बरी ने चर्चा की. इनका कहना था कि जब तक पंक्ति में खड़ी आखिरी महिला तक सशक्तीकरण नहीं पहुंचतातब तक इस तरह की चर्चाएं बेकार हैं. सच्चे अर्थों में ये अभियान तभी सफल होंगेजब ग्रामीण अंचल में जागरुकता होगी और शिक्षा का प्रसार होगा. ‘संस्कृतनवाचार और प्रगति‘ सत्र में चर्चा करते हुए फिल्म समीक्षक विनोद अनुपम ने कहा कि संस्कृत में प्रगति की अनेकों संभावनाएं हैंबस तलाशने की देर है. लेखक नवीन चौधरी ने कहा कि संस्कृति की जड़ें पकड़े बिना प्रगति की बात करना बेमानी है. हिंदी अकादमी दिल्ली के उप निदेशक ऋषि कुमार शर्मा ने कहा कि नवाचार ऐसा हो कि संस्कृति का मूल बना रहे. कहकशां के संस्थापक आनंद कक्कड़ ने मनीषा कुलश्रेष्ठ से संवाद किया. मनीषा ने कहा कि कोई भी कहानी आपको निश्चित हल नहीं देती है बल्कि वह आपके जीवन के उलझे ताने बाने को सुलझाकर ऐसे आपके सामने ला खड़ा करती है कि आप चयन कर सकें कि अब जीवन किस दिशा में जाना हैं. प्रसार भारती के पूर्व निदेशक शशि शेखर वेम्पति ने ‘मन की बात‘ कार्यक्रम के सौ एपिसोड पर आधारित पुस्तक ‘कलेक्टिव स्पिरिटकंक्रीट एक्शन‘ पर चर्चा की और बताया कि इस कार्यक्रम ने भारतीय जन-जीवन को कैसे प्रभावित किया हैलोगों में कैसे जागरूकता आई है और किस प्रकार भारतीय समाज अपनी सोच बदल रहा है.