नई दिल्ली: साहित्य अकादमी ने अपने प्रतिष्ठित कार्यक्रम ‘लेखक से भेंट’ में प्रख्यात कवि एवं नाटककार एचएस शिवप्रकाश को आमंत्रित किया. शिवप्रकाश ने अपनी कन्नड़ और अंग्रेजी कविताओं का पाठ किया और उपस्थित श्रोताओं के प्रश्नों के उत्तर दिए. कार्यक्रम के आरंभ साहित्य अकादमी के सचिव के श्रीनिवासराव ने एचएस शिवप्रकाश का स्वागत अंगवस्त्रम् एवं पुस्तकें भेंट करके किया. उन्होंने उनका विस्तृत परिचय भी दिया. एचएस शिवप्रकाश ने अपनी कविताएं प्रस्तुत करने से पहले कहा कि कविता एक अविस्मरणीय नाद पैदा करती हैं, जिससे हम सब झंकृत होते हैं. उन्होंने कहा कि अपने लेखन के प्रारंभ में वे स्वान्तः सुखायः कविताएं रचते थे. ये कविताएं एक तरह से अपने को लिखे गए प्रेम-पत्र थे लेकिन धीरे-धीरे इनमें बदलाव आया और यह अलग-अलग रूप ग्रहण करती गईं.

शिवप्रकाश ने अपनी लंबी कविताओं को एकालाप बताते हुए अपने प्रथम संग्रह से मिलेरेप्पा कविता प्रस्तुत की. इसके बाद पढ़ी गई उनकी कविताओं के शीर्षक थे ‘आल अबाउट मी’, ‘द चाइल्ड एंड द फूड स्टॉल’, ‘व्हाट माई फॉदर सेड’, ‘इफ यू हेड नॉट बीन देयर’, ‘थ्री ब्लाइंड मैन’, ‘वेन माई गुरु लेफ्ट द वर्ल्ड’ आदि . ज्ञात हो कि 1954 में बैंगलोर में जन्में एचएस शिवप्रकाश की पढ़ाई भी वहीं हुई. उनके 14 कन्नड़ काव्य-संग्रह एवं 8 नाटक प्रकाशित हो चुके हैं. वे 2002-2019 तक जेएनयू में स्कूल ऑफ आर्ट्स में प्रोफेसर एवं डीन रहे. उन्होंने विपुल मात्रा में अनुवाद कार्य भी किया है. श्रोताओं द्वारा पूछे गए विभिन्न प्रश्नों के उत्तर में उन्होंने अपनी कविताओं के दर्शन, लिखने की प्रेरणा एवं उनके अनुवाद के बारे में विस्तार से बताया. कार्यक्रम में मालाश्री लाल, अमरेंद्र खटुआ, एनके भट्टाचार्जी, पारमिता शतपथी, ए कृष्णाराव, अभय के, यशोधरा मिश्र, ज्योतिष जोशी, मोहन हिमथाणी आदि लेखक एवं संपादक उपस्थित थे.