नई दिल्ली: गृह मंत्री अमित शाह ने आधिकारिक भाषा पर संसद समिति के सदस्यों के साथ राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से मुलाकात की और उन्हें समिति की संस्तुति का 12वां खंड सौंपा. आजादी के बाद से 2014 तक समिति की संस्तुति के नौ खंड प्रस्तुत किए गए थेजिनमें से 2019 के बाद से तीन खंडों को मंजूरी दी गई. ये खंड विषयवार तैयार किए गए हैं. 12वें खंड का विषय ‘सरलीकरण‘ है. इस बाबत गृहमंत्री अमित शाह ने ट्वीटजो अब एक्स के नाम से जाना जाता हैपर लिखा- “आज माननीय राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु जी से संसदीय राजभाषा समिति के सदस्यों के साथ भेंट की और उन्हें राजभाषा समिति के प्रतिवेदन का 12वां खंड सौंपा. साथ हीराजभाषा को और अधिक लोकोपयोगी बनाने के विषय पर चर्चा की.” गृहमंत्री अमित शाह के साथ केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा और निसिथ प्रमाणिक सहित 15 से अधिक सांसद मौजूद थे.

याद रहे कि इस 12वें खंड को गृहमंत्री अमित शाह ने चार अगस्त को आधिकारिक भाषा पर संसदीय समिति की 38वीं बैठक में मंजूरी दी थी. समिति की 38वीं बैठक में गृहमंत्री शाह ने कहा था कि भारतीय भाषाओं को बढ़ावा देने का कोई खास दिन नहीं है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी वैश्विक पटल पर हिंदी सहित अन्य भारतीय भाषाओं को गर्व से प्रस्तुत करते हैं. स्थानीय भाषाओं के साथ हिंदी की प्रतिस्पर्धा नहीं है. हर भारतीय भाषा को बढ़ावा दिया जाएगातब ही भारत सशक्त होगा. पीएम मोदी के नेतृत्व में 10 भारतीय भाषाओं में इंजीनियरिंग और मेडिकल पाठ्यक्रम शुरू किया गया है. जल्द ही हर भारतीय भाषा में यह पाठ्यक्रम शुरू किए जाएंगे. प्रधानमंत्री संसद में एक भी भाषण अंग्रेजी में नहीं देते हैं. राजभाषा की स्वीकार्यता किसी कानून या सर्कुलर से नहीं होती. बल्कि सद्भावनाप्रेरणा और प्रोत्साहन से राजभाषा की स्वीकार्यता तय होती है.