नई दिल्लीः भारी उद्योग मंत्रालय ने हिंदी पखवाड़ा पुरस्कार वितरण समारोह का आयोजन किया. इस दौरान केंद्रीय मंत्री डॉ महेन्द्र नाथ पांडेय ने पिछले वर्ष आयोजित हिंदी पखवाड़ा की 9 प्रतियोगिताओं के 25 विजेताओं को प्रशस्ति-पत्र प्रदान किया. इनमें अनुच्छेद लेखन, अनुवाद, वाचन, टिप्पण-प्रारुपण, आशुभाषण और श्रुतलेखन प्रतियोगिताएं शामिल हैं. इनके अतिरिक्त, सितंबर-2022 माह के दौरान हिंदी में अधिकाधिक सरकारी कामकाज के लिए भी चार कर्मियों को पुरस्कृत किया गया. संयुक्त सचिव विजय मित्तल ने बताया कि पहली बार मंत्रालय में चार अनुभागों को पुरस्कृत किया है. कार्यक्रम में राज्य सभा सांसद सीमा द्विवेदी और सुजीत कुमार भी उपस्थित थे. इनके अलावा मंत्रालय की हिंदी सलाहकार समिति की सदस्य डॉ वंदना पांडेय और डॉ पूरनचंद टंडन भी उपस्थित थे. सांसद सुजीत कुमार ने कहा कि हर देश अपनी भाषा में ही प्रगति करता है. चीन, जापान और जर्मनी आदि में तकनीकी पढ़ाई भी उनकी मातृभाषा में ही होती है, इसलिए हम वैसी ही सफलता हिंदी का उपयोग करके भी हासिल कर सकते हैं. उन्होंने कहा कि स्वयं ओड़िया भाषी होने के बावजूद उन्हें हिंदी पसंद है.
इस अवसर पर सांसद सीमा द्विवेदी ने विश्वास व्यक्त किया कि मंत्री डॉ पांडेय के हाथों पुरस्कार पाने से प्रतिभागी आगे भी इन प्रतियोगिताओं में बढ़-चढ़कर हिस्सा लेने के लिए प्रेरित होंगे. उन्होंने कहा कि हिंदी में बात करने का मतलब कम शिक्षित होना माना जाता था, लेकिन भारी उद्योग मंत्रालय में समस्त कामकाज हिंदी में करवाने का बीड़ा उठाकर भारी उद्योग मंत्री ने इस धारणा को तोड़ा है. भारी उद्योग मंत्री डॉ महेन्द्र नाथ पांडेय ने कहा कि प्रधानमंत्री ने भी इस बात पर ज़ोर दिया है कि लोक कल्याणकारी योजनाओं की जानकारी जनता को जन-सामान्य की भाषा में दिया जाए. उन्होंने जोर देकर कहा कि केंद्र सरकार क्षेत्रीय भाषाओं के खिलाफ नहीं, बल्कि उसके पक्ष में है. डॉ पाण्डेय ने कहा कि भारतीयता के बोध के लिए हिंदी सबसे अच्छी भाषा है और इसलिए इसे वैश्विक स्वीकार्यता के स्तर पर ले जाना है.