कानपुर: भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान कानपुर के तीन दिवसीय साहित्य महोत्सव ‘अक्षर‘ के दूसरे संस्करण का शानदार आगाज हो चुका है. इस महोत्सव का आयोजन शिवानी सेंटर फॉर द नर्चर एंड रीइंटीग्रेशन आफ हिंदी एंड अदर इंडियन लैंग्वेजेज, राजभाषा प्रकोष्ठ, एप्रिसिएशन एंड प्रमोशन आफ आर्ट, कल्चर एंड हेरिटेज, सेल आफ आईआईटी कानपुर, हिंदी साहित्य सभा- आईआईटी कानपुर की एक छात्र संस्था और गाथा- एसआईआईसी आईआईटी कानपुर की एक इनक्यूबेटेड कंपनी द्वारा संयुक्त रूप से किया जा रहा है. शिवानी सेंटर का उद्देश्य हिंदी और अन्य भारतीय भाषाओं में संचार करते समय भाषा रचनात्मकता को बढ़ावा देना और गर्व और आत्मविश्वास पैदा करना है. इसका इरादा हिंदी और अन्य भारतीय भाषाओं की समृद्धि को बढ़ावा देने के लिए कार्यक्रम, कार्यशालाएं, पुस्तक मेले आदि आयोजित करने का है. शिवानी सेंटर की स्थापना मुक्तेश पंत ने की है, जिन्होंने 1976 में आईआईटी कानपुर से केमिकल इंजीनियरिंग में बीटेक की उपाधि प्राप्त की थी.
इस केंद्र की स्थापना पंत की दिवंगत मां लेखिका गौरा पंत, जो 20वीं सदी की सबसे लोकप्रिय हिंदी लेखकों में से एक हैं और जो अपने लेखकीय नाम ‘शिवानी‘ से लोकप्रिय हैं, की स्मृति में ‘मिक्की और विनीता चैरिटेबल फाउंडेशन‘ के अनुदान से की गई है. इस महोत्सव को लेकर आईआईटी कानपुर के डीन आफ रिसोर्स एंड एलुमनाई प्रो कांतेश बलानी का कहना है कि ‘अक्षर‘ भाषा रचनात्मकता को बढ़ावा देने, हिंदी और अन्य भारतीय भाषाओं में संचार में गर्व और आत्मविश्वास की भावना को बढ़ावा देने के लिए हमारे समर्पण का प्रतिनिधित्व करता है. हम प्रसिद्ध हिंदी उपन्यासकार शिवानी की जन्म शताब्दी मनाने में बहुत गर्व महसूस कर रहे हैं. इस महोत्सव में कई प्रसिद्ध कवि और कलाकार आईआईटी परिसर समुदाय को साहित्य की विभिन्न विधाओं, कहानियों, कविताओं और नाटकों की सराहना करने का अवसर प्रदान करेंगे. इसके अलावा ‘अक्षर‘ के दौरान हिंदुस्तानी शास्त्रीय संगीत की शाम, विचारोत्तेजक पैनल चर्चा, कथक प्रदर्शन, रवीन्द्र संगीत, कबीर-भजन भी हो रहा है. महोत्सव में फिल्म निर्माता, निर्देशक आर बाल्की, कोमल नाहटा, व्यापार विश्लेषक नयनी दीक्षित, पुष्पेश पंत, अशोक चक्रधर, फरहत एहसास, शारिक कैफी और भाग्यश्री देशपांडे आदि शामिल हो रहे हैं.