शिमला: हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल ने राजभवन में डा राजेश कुमार द्वारा लिखित ‘शहद-प्रकृति का एक अनुपम उपहार’ पुस्तक का विमोचन किया. यह पुस्तक शहद और उससे बने विभिन्न उत्पादों की उपयोगिता पर आधारित है. पुस्तक में इस व्यवसाय से जुड़े लोगों को अच्छा बाजार उपलब्ध करवाने के लिए शहद पर आधारित अन्य उत्पादों के बारे में आवश्यक जानकारी प्रदान की गई है. राज्यपाल शुक्ल ने लेखक के प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि शहद व इसके उत्पादों से किसानों को लाभकारी मूल्य मिलेगा और वे आधुनिक तकनीक का उपयोग कर प्रकृति के इस अनुपम उपहार का बड़े पैमाने पर उपयोग कर सकेंगे. शहद के फायदे इसके तत्वों जैसे ग्लूकोज, फ्रुक्टोज, ग्लूकोज आक्सीडेज, विटामिन और फेनोलिक यौगिकों की संरचना से होते हैं.

याद रहे कि घावों के इलाज के लिए शहद का उपयोग किया जा सकता है. शहद में ग्लूकोज आक्सीडेज द्वारा उत्पादित हाइड्रोजन पेरोक्साइड द्वारा प्रदत्त जीवाणुरोधी गतिविधि होती है. शहद में एंटी-इंफ्लेमेटरी, एंटी-आक्सीडेंट, दुर्गन्ध दूर करने वाली और ऊतक पुनर्जनन गतिविधियां घाव भरने की प्रक्रिया में भी मदद करती हैं. यह मधुमेह रोगियों के लिए स्वस्थ आहार का अनुपालन सुनिश्चित करने के लिए एक वैकल्पिक स्वीटनर भी हो सकता है. इसके अलावा, शहद कई प्रभाव डालता है जैसे कम घनत्व वाले लिपिड को कम करना और उच्च घनत्व वाले लिपिड को बढ़ाना, जिससे एथेरोस्क्लेरोसिस का खतरा कम हो जाता है. खूबसूरती के लिहाज से शहद का इस्तेमाल त्वचा और बालों पर किया जा सकता है. यह फ्रुक्टोज और ग्लूकोज की उच्च सामग्री के कारण अपने प्राकृतिक ह्यूमेक्टेंट गुणों के माध्यम से त्वचा को माइस्चराइज़ करता है. शहद अपनी जीवाणुरोधी गतिविधि, सूजन-रोधी कार्रवाई और ऊतक की मरम्मत के कारण त्वचा पर मुंहासे का इलाज करता है. शहद से बालों को इस तरह फायदा होता है कि बालों में प्रचुरता आ जाती है और कंघी करना आसान हो जाता है.