गांधीनगर: “हमें अपने बच्चों को ऐसे संस्कार देने होंगे कि वे अपनी भाषा, साहित्य, संस्कृति, गांव, प्रदेश और देश के लिए जीएं. जो अपनी भाषा, संस्कृति, गांव और प्रदेश को नहीं जानेगा वह देश को भी नहीं पहचानेगा और जो देश को नहीं पहचानेगा वह देश का भला कभी नहीं कर पाएगा.” यह बात केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने गांधीनगर में राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड के क्षेत्रीय केंद्र और गुजरात सरकार के विभिन्न विकास कार्यों का शिलान्यास करते हुए कही. उन्होंने कहा कि हम में से बहुत सारे लोगों को आजादी के आंदोलन में भाग लेने और देश के लिए शहीद होने का मौका नहीं मिला लेकिन हमें देश के लिए जीने से कोई नहीं रोक सकता. उन्होंने कहा कि इसकी शुरुआत हमारे घर से होनी चाहिए. अगर हम अपनी 15 हजार वर्ष से भी अधिक पुरानी संस्कृति और इतिहास का परिचय अपने बच्चों और युवाओं को नहीं कराएंगे तो हमारी संस्कृति के विलुप्त होने की जिम्मेदारी सिर्फ और सिर्फ हमारी होगी.
केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री ने जनता से आह्वान किया कि आजादी के अमृत महोत्सव में हम यह संकल्प लें कि अपनी आने वाली पीढ़ी को अपने देश के प्रति अक्षुण्ण देशभक्ति और अपनी भाषा एवं संस्कृति के लिए गौरव का संकल्प लेने के लिए प्रेरित करेंगे. उन्होंने कहा कि अगले 25 वर्षों में भारत अंतरिक्ष, शिक्षा और सुरक्षा सहित हर क्षेत्र में प्रथम स्थान पर होगा. अमित शाह ने कहा कि आजादी के अमृत महोत्सव की पूर्णाहुति के साथ ही आजादी के अमृत काल की शुरुआत हो रही है. उन्होंने कहा कि हो सकता है कि 15 अगस्त 2047 तक हम रहें या न रहें लेकिन भारत माता अजर-अमर हैं. उन्होंने कहा कि भारत युगों-युगों से दुनिया का मार्गदर्शन कर रहा है. शाह ने कहा कि आज अनावरण की गयी स्मारक पट्टिका पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का एक उद्गार है ‘मेरे जीवन का क्षण-क्षण और मेरे शरीर का कण-कण इस देश के भले के लिए खर्च करने का मैं संकल्प करता हूं.‘ अगर देश के 130 करोड़ नागरिक यह संकल्प लें तो देश बहुत आगे बढ़ेगा. इस अवसर पर एनएसजी के महानिदेशक एमए गणपति समेत अनेक गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे.