नई दिल्ली: नागर विमानन एवं सड़क परिवहन और राजमार्ग राज्यमंत्री जनरल वीके सिंह (सेवानिवृत्त) ने राष्ट्रीय पुस्तक न्यास भारत द्वारा प्रकाशित पुस्तक ‘संस्कृति के आयाम‘ का विमोचन किया. उन्होंने लेखिका डा मनोरमा मिश्रा को बधाई देते हुए कहा कि यह पुस्तक कई ग्रंथों का सार है. यह गागर में सागर के समान हैजिसकी विशेषता है- संस्कृतिसंस्कार और लोकमंगल की भावना. इस छोटी-सी पुस्तक में वह सब-कुछ व्याप्त हैजो हमें अपनी संस्कृति को समझने के लिए जरूरी है. हमारी संस्कृति अध्यात्म पर आधारित है और जब हम अपने कर्तव्य का निर्वाह करते हैं तो वह हमारा धर्म बन जाता है.” उन्होंने सामाजिक और सांस्कृतिक कृत्यों पर बात करते हुए कहा कि यदि हम संस्कृति के अनुसार किए गए हर काम को वैज्ञानिक नजरिये से देखें तो लोगों को भारतीय संस्कृति से जोड़ने में सफलता जरूर मिलेगी.

राजधानी स्थित राष्ट्रीय पुस्तक न्यास भारत के सभागार कक्ष में आयोजित पुस्तक विमोचन कार्यक्रम में कई विद्वान और अधिकारी उपस्थित थे. इनमें बीआर शंकरानंदआईपीएस अधिकारी डा आरसी मिश्राप्रोफेसर रवि प्रकाश टेकचंदानी और प्रो हरींद्र कुमार शामिल थे. इस अवसर पर राष्ट्रीय पुस्तक न्यासभारत के निदेशक युवराज मलिक ने कहा कि जिसके कारण हम विश्व गुरु कहलाएविश्व के लिए उस ज्ञान-परंपरा को दोबारा से स्थापित करने की जरूरत है. ज्ञान-परंपरा को स्थापित करने का जो शाश्वत काम हैवह है- पुस्तक और ज्ञान का डाक्यूमेंटेशनजो किताबों के माध्यम से ही संभव है. उल्लेखनीय है कि लगभग 295 ग्रंथों के अध्ययन पर आधारित इस पुस्तक में भावी पीढ़ी को भारतीय ज्ञानपरंपरासंस्कृति को अपनाने के लिए प्रेरित किया गया है.