नई दिल्ली: नई दिल्ली विश्व पुस्तक मेला के थीम मंडप में इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र ने सांस्कृतिक सूचना विज्ञान के निदेशक प्रोफेसर प्रतापानंद झा, डा प्रियंका मिश्रा और डीसी चौबे की उपस्थिति में ‘गीत गोविंद’ पर एक इंटरैक्टिव मल्टीमीडिया प्रस्तुति दी. इसमें विभिन्न भारतीय कला रूपों- नृत्य, संगीत और चित्रकला का उपयोग करते हुए राधा और श्रीकृष्ण की कहानी के तीन चरणों- मिलन, विरह और पुनर्मिलन को चित्रित किया गया. विश्व पुस्तक मेले के सम्मानित अतिथि देश सऊदी अरब ने अंतर्राष्ट्रीय गतिविधि मंच पर ‘राउम अलसुहैबानी: ए जर्नी टू इंडिया’ पर एक वार्ता का आयोजन किया. वक्ता राउम अलसुहैबानी एक योग प्रशिक्षक हैं और उन्होंने अपने विश्वविद्यालय काल से ही योग में दिलचस्पी दिखानी शुरू कर दी थी. राऊम अलसुहैबानी ने बताया कि वह योग के बारे में और अधिक जानने के लिए भारत आईं क्योंकि यह योग की उत्पत्ति का देश है. उन्होंने बताया कि योग का अभ्यास जीवन के सभी हिस्सों पर किया जाना चाहिए और योग जीवन के हर पहलू को नियंत्रित करता है. कार्यक्रम का संचालन सलमान अलसामा ने किया.
अंतर्राष्ट्रीय गतिविधि मंच पर ही ईरान बुक एंड लिटरेचर हाउस द्वारा ‘भारत और ईरान में फारसी कविताओं की समानताएं’ विषय पर एक सत्र में कुर्बान वलेई मोहम्मदाबादी और जोहिर तवाकोली ने अपने विचार रखे. कार्यक्रम में बताया गया कि कैसे 13वीं सदी में फारसी प्रशासनिक भाषा थी और कैसे भारतीय और ईरानी लंबा इतिहास, संस्कृति और साहित्य साझा करते हैं. वे बताते हैं कि कैसे हमारी जड़ें एक जैसी हैं. बाल मंडप में ‘बहुभाषी भारत: एक जीवंत परंपरा’ थीम के अंतर्गत प्रख्यात कहानीकार और लेखिका विनीता जुत्शी द्वारा हिमाचली लोककथा सुनाई गई. इस कहानी के माध्यम से बच्चों को स्वयं के प्रति ईमानदार रहने का संदेश दिया गया. टाटा ट्रस्ट की पहल पराग के सहयोग से एनबीटी इंडिया द्वारा आयोजित एक सत्र में कहानीकार वसुन्धरा बहुगुणा ने सफ़र हाशमी द्वारा लिखित ‘किताबें करती हैं बातें’ नामक हिंदी कविता के साथ सत्र की शुरुआत की और बाद में बच्चों को ‘टिफिन दोस्त’ और ‘कैसा-कैसा’ नामक कविताएं सुनाईं. ‘एक भारत श्रेष्ठ भारत’ पुस्तक का विमोचन नेशनल बुक ट्रस्ट, इंडिया के निदेशक युवराज मलिक ने किया.