नई दिल्ली: नौसेना स्टाफ के प्रमुख एडमिरल आर हरि कुमार ने अपने कक्ष में एक संक्षिप्त पुरस्कार समारोह के दौरान कमांडर एम अरुण चक्रवर्ती को पहला ‘एनआईबी’ यानी नेवीज इंटेलेक्चुअल बीकन पुरस्कार प्रदान किया. कमांडर एम अरुण चक्रवर्ती भारतीय नौसेना के सरदार के एम पणिक्कर ‘एनआईबी’ निबंध प्रतियोगिता के विजेता हैं. इस निबंध प्रतियोगिता को नौसेना समुदाय के बीच पढ़ने, लिखने और सोचने के कौशल को बढ़ावा देने के उद्देश्य से शुरू किया गया है. यह पुरस्कार समुद्री रणनीतिक विचारक सरदार के एम पणिक्कर की स्मृति में शुरू किया गया है, जिन्होंने महासागरों और समुद्री मामलों के महत्त्व के बारे में भारत में समुद्री जागृति और चेतना लाई थी. इस अवसर पर कार्मिक प्रमुख वाइस एडमिरल के स्वामीनाथन और नौसेना शिक्षा कमोडोर जी रामबाबू भी उपस्थित थे.

याद रहे कि पणिक्कर चीन में लंबे समय तक भारत के राजदूत रहे. उनका मानना था कि राजनय एक कला है जिसे अपनाकर विश्व के राज्य अपने पारस्परिक संबंधों को बढ़ाते हुए अपने हित की साधना करते हैं. नौ-परिवहन और नौ-सैनिक इसके आवश्यक तत्व हैं. पणिक्कर के अनुसार राजनयिक एक देश के दूसरे देश में स्थित आंख और कान हैं. कोई भी देश अपने राजनयिकों  के माध्यम से दूसरे देश की घटनाओं, नीतियों और दृष्टिकोण के बारे में जानकारी प्राप्त कर अपनी विदेश नीति को आवश्यक मोड़ देता रहता है. पणिक्कर ने धूर्तता और कपट को खतरनाक साधन बताया और दूसरे देशों की शुभकामना प्राप्ति के लक्ष्य की पूर्ति के जो चार प्रकार बताए, उनमें- दूसरे देश उस देश की नीतियों को ठीक प्रकार से समझें और उसके प्रति सम्मान की भावना रखें, वह देश दूसरे देशों की जनता के न्यायोचित हितों को समझे एवं सर्वोपरि माने तथा वह ईमानदारी से व्यवहार करे. आप बहुत से लोगों को सदा के लिए धोखे में नहीं रख सकते. जब देश की नीति की असलियत जाहिर हो जायेगी तो विश्व-समाज में उस देश के स्तर को धक्का पहुंचेगा. पणिक्कर का मत है कि व्यक्तिगत जीवन की भांति अंतर्राष्ट्रीय जीवन में भी ईमानदारी सबसे अच्छी नीति है.