नई दिल्लीः भारत आज 50 से अधिक भाषाओं में 3,000 से अधिक फिल्मों के निर्माण के साथ विश्व का सबसे बड़ा फिल्म निर्माता है. ये फिल्में कहानी कहने को लेकर पूरे विश्व में भारत की मजबूत स्थिति का एक संदेश देती हैं. केंद्रीय सूचना और प्रसारण राज्य मंत्री डॉ एल मुरूगन ने कान्स फिल्म महोत्सव में भारत पवेलियन का उद्घाटन करते हुए यह बात कही. इस अवसर पर फ्रांस में भारत के राजदूत जावेद अशरफ, सूचना और प्रसारण मंत्रालय में संयुक्त सचिव पृथुल कुमार व भारतीय फिल्म उद्योग के प्रमुख चेहरे उपस्थित थे. डॉ मुरूगन ने मुदुमलाई के प्रसिद्ध एलीफेंट व्हिस्परर्स का उदाहरण देकर यह रेखांकित किया कि आज अच्छी सामग्री की कोई सीमा नहीं है और हम एक ऐसा युग देख रहे हैं, जहां भारतीय सामग्री की प्रकृति स्थानीय से वैश्विक हो रही है. डॉ. मुरुगन ने वैश्विक स्तर पर भारतीय फिल्मों और फिल्म निर्माताओं की हालिया शानदार सफलता का उल्लेख किया. उन्होंने कहा कि आज एनीमेशन या वीएफएक्स के क्रेडिट में भारतीय नाम के बिना एक फिल्म ढूंढना मुश्किल है. उन्होंने कहा कि हालिया वर्षों में भारतीय फिल्म उद्योग में नई प्रौद्योगिकियों को अपनाने और डिजिटल व स्ट्रीमिंग प्लेटफार्मों के उभरने के साथ महत्वपूर्ण परिवर्तन हुए हैं.
डॉ मुरुगन ने कहा कि भारतीय मीडिया और मनोरंजन क्षेत्र की उल्लेखनीय बढ़ोतरी का जिक्र किया और कहा कि कोविड महामारी के बाद भारत में कुल बॉक्स ऑफिस राजस्व साल 2021 के राजस्व की तुलना में 2022 में लगभग तीन गुना बढ़कर 1.3 बिलियन अमेरीकी डॉलर हो गया और इस आंकड़े की 2025 तक 3 बिलियन अमेरीकी डॉलर तक पहुंचने की उम्मीद है. डॉ. मुरुगन ने भारत में फिल्म इकोसिस्टम को मजबूत करने की दिशा में मंत्रालय के किए गए उपायों का उल्लेख किया. डॉ. मुरूगन ने कहा कि डिजिटल इंडिया, स्टार्ट अप इंडिया, ग्रामीण टेलीकॉम कनेक्टिविटी और डेटा की वहनीयता व उपलब्धता के लिए सकारात्मक वातावरण का निर्माण करने वाले नीतिगत सुधारों के माध्यम से विभिन्न पहल एक रचनात्मक अर्थव्यवस्था की मजबूत नींव तैयार कर रही हैं. उन्होंने कहा कि सरकार भारत को शूटिंग, सह-निर्माण, एनीमेशन और कम लागत वाले पोस्ट-प्रोडक्शन के संबंध में अंतरराष्ट्रीय फिल्म उद्योग के लिए एक आकर्षक स्थल के रूप में विकसित करने के लिए प्रतिबद्ध है.