शिमलाः विश्व धरोहर के रूप में विख्यात शिमला-कालका चलती रेल में हिमालय साहित्य, संस्कृति एवं पर्यावरण मंच द्वारा इस वर्ष 8 और 9 जुलाई को पांचवीं बाबा भलकू स्मृति साहित्यिक रेल यात्रा का राष्ट्रीय स्तर पर आयोजन किया जा रहा है. हिमाचल प्रदेश के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ (कर्नल) धनीराम शांडिल मुख्य अतिथि के रूप में शिमला रेलवे स्टेशन से यात्रा को झंडी दिखाकर रवाना करेंगे. इस यात्रा में देश और प्रदेश के विभिन्न भागों से स्थानीय लेखकों सहित 35 लेखक, पत्रकार, रंगकर्मी और लोक गायक शामिल हो रहे हैं. पहले दिन की रेल यात्रा शिमला स्टेशन से बड़ोग रेलवे स्टेशन तक और वहां से वापिस शिमला रेलवे स्टेशन आएगी. सभी लेखक दूसरे दिन बस से झाझा (चायल) बाबा भलकू के पुश्तैनी गांव और घर जायेंगे. इस यात्रा का मार्गदर्शन और सहयोग शिमला रेलवे स्टेशन के अधीक्षक संजय गेरा और जोगिन्द्र वोहरा कर रहे हैं. हिमालय मंच के अध्यक्ष और प्रख्यात लेखक एसआर हरनोट ने यह जानकारी दी है. उन्होंने बताया कि पहले दिन अतिथि लेखकों का स्वागत सम्मान किया जायेगा और साथ रेलवे स्टेशनों के नाम से कविता, कहानी, संस्मरण, गीत, लोकगीतों के सत्र आयोजित किये जाएंगे.

हरनोट के मुताबिक इस दौरान हिमालय साहित्य मंच की सदस्य लेखिका दीप्ति सारस्वत ‘प्रतिमा’ के कहानी संग्रह ‘प्याली भर जुगुप्सा’ का भी विमोचन होगा. कार्यक्रम की अध्यक्षता पत्रकार रोमी अरोड़ा करेंगी. मुख्य वक्ता के रूप में लेखक-रंगकर्मी राजेश अरोड़ा और ज्योत्स्ना मिश्रा उपस्थित होंगी. मंच संचालन युवा रचनाकार व फिल्म निर्माता डॉ देवकन्या करेंगी. इस दौरान सीमा असीम के उपन्यास ‘जाग मुसाफिर’ का लोकार्पण भी होगा. हरनोट ने बताया कि इस यात्रा का मुख्य उद्देश्य आपसी प्रेमभाव और साहित्यिक आदान-प्रदान के साथ अपनी धरोहर को स्मरण करना भी है. यह यात्रा कालका शिमला और हिंदुस्तान तिब्बत रोड के सर्वेक्षण और निर्माण में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले निरक्षर इंजीनियर बाबा भलकू और अन्य कामगारों को समर्पित है. इस यात्रा के भागीदार लेखक हैं- डॉ किरण सूद (देहरादून), डॉ प्ररेणा ठाकरे (नीमच), राजेश अरोड़ा और रोमी अरोड़ा (कानपुर), ईएसपी सिंह (पटना), सीमा असीम (बरेली), ज्योत्स्ना मिश्र, ज्योति बक्सी और गायत्री मनचंदा (नई दिल्ली), संदीप वैद्य (मुंबई), रवि कुमार और अनिल शर्मा (बिलासपुर), रौशन जसवाल और विनोद रोहतकी (सोलन), जगदीश बाली और हितेन्द्र शर्मा (कुमार सैन). शिमला से डॉ विजय लक्ष्मी नेगी, डॉ अनिता शर्मा, डॉ कर्मसिंह, डॉ देव कन्या ठाकुर, लेखराज चौहान, डॉ मधु शर्मा कात्यायनी, जगदीश कश्यप, सुमन धनंजय, वीरेन्द्र शर्मा, जगदीश गौतम, शांति स्वरूप शर्मा, यादव चंद भी शामिल हो रहे हैं.