नई दिल्लीः केंद्रीय साहित्य अकादमी आज से बच्चों के लिए हिंदी और अंग्रेजी में रचनात्मक लेखन पर कार्यशाला ‘किस्सा-ओ-कलम: बोलती कलम’ की शुरुआत कर रही है. यह इस तरह की कार्यशाला का चौथा संस्करण है. अकादमी के सचिव के श्रीनिवासराव के मुताबिक, ‘किस्सा-ओ-कलम: बोलती कलम’ हमारे बच्चों, हमारे नवोदित लेखकों तथा कल के विचारकों को पुस्तकों की दुनिया में पढ़ने-लिखने के रचनात्मक क्षेत्रों में सहभागिता और आनंद लेने के लिए प्रोत्साहित करने की ओर एक कदम हैं. डॉ के श्रीनिवासराव ने बताया कि इस बार कार्यशाला का शीर्षक है ‘अनुभूति और अभिव्यक्ति: प्रतिकूल समय में रचनात्मक लेखन’. इस कार्यशाला में 50 बच्चों को रचनात्मक लेखन के बारे में विशेषज्ञों द्वारा जानकारी दी जाएगी. इस कार्यशाला का संचालन चंदना दत्ता और वंदना बिष्ट कर रही हैं. यह 5-दिवसीय कार्यशाला 29 मई से 2 जून तक नई दिल्ली में चल रही है, जिसका लक्ष्य बच्चों को पढ़ने-लिखने तथा भाषा का आनंद लेने और पुस्तकों के सृजन की दिशा में उन्हें रचनात्मक रूप से मदद करना है.

राव ने बताया कि साहित्य अकादमी के पास बाल साहित्य की लंबी श्रृंखला है. इनमें तमाम भाषाओं का उत्कृष्ट साहित्य उपलब्ध है. विदेशी भाषाओं का अनुवाद भी साहित्य अकादमी की कैटलॉग में शामिल है. पुस्तकों का जिक्र करते हुए उन्होंने बताया कि बाल साहित्य में अंतरिक्ष में विस्फोट (जयंत विष्णु नारलीकरे, मराठी), अचरजग्रह की दंतकथा (ताजिमा शिंजी, अंग्रेजी), कबूतरों की उड़ान (रस्किन बॉण्ड, अंग्रेजी), गोट्या (ना. धो. ताम्हनकर, मराठी), गोसाई बागान का भूत (शीर्षेंदु मुखोपाध्याय, बांग्ला) सहित जापानी, संस्कृत, हिंदी, असमिया, पंजाबी और अन्य भाषाओं में बच्चों के लिए ज्ञानवर्धक पुस्तकें अकादमी के पास उपलब्ध हैं. बच्चों की गर्मी की छुट्टियां पुस्तकों के साथ बीतें यही हमारा उद्देश्य है.