नोवामुंडी: स्थानीय नोवामुंडी कालेज में ‘हिंदी साहित्य के विकास में प्रेमचंद का योगदान‘ विषय पर एक परिचर्चा का आयोजन हुआजिसकी अध्यक्षता प्राचार्य डा मनोजित विश्वास ने की. कार्यक्रम का शुभारंभ शिक्षा की अधिष्ठात्री देवी सरस्वती के चित्र पर माल्यार्पण व दीप प्रज्ज्वलन कर किया गया. इस अवसर पर विश्वास ने कहा कि हिंदी साहित्य के योगदान में प्रेमचंद की भूमिका अग्रणी है. उन्होंने कहा कि जितना योगदान देश को आजाद करने में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी का थाउतना ही योगदान साहित्य के विकास में कथा सम्राट मुंशी प्रेमचंद का है. उन्होंने कहा कि भारतीय साहित्य के क्षेत्र में प्रेमचंद एक महान आदर्शवादीयथार्थवादी और सुधारवादी लेखन के प्रतीक माने जाते हैं.

विश्वास ने कहा कि प्रेमचंद का लेखन और साहित्य न केवल अपने समय में प्रासंगिक थाबल्कि आज भी उतना हीया कहें कि उससे कहीं अधिक प्रासंगिक है. कार्यक्रम में उपस्थित हिंदी विभागाध्यक्ष साबिद हुसैन एवं भवानी कुमारी ने भी प्रेमचंद के साहित्य के विकास और उनके उपन्यासों की प्रासंगिकता पर अपने विचार रखें. महाविद्यालय के स्नातक प्रतिष्ठा के छात्र-छात्राओं में प्रीति गोपखुशबू कुमारीरश्मि गोपसंध्या कैवर्तअदिति प्रिया महतोअलीमा प्रधानप्रीति गोपपूजा कैवर्तश्रुति प्रधान आदि उपस्थित थे. इस अवसर पर उपस्थित प्राध्यापकों में पीएन महतोरामेश्वर कुजूर,तन्मय मंडलसीमा गोपनरेश कुमार पानकुलजिंदर सिंहधनीराम महतोराजकरण यादवसुमन चातोम्बा आदि शामिल थे. बड़ी संख्या में साहित्यप्रेमी छात्र-छात्राएं भी उपस्थित थी. परिचर्चा का संचालन डा मुकेश कुमार सिंह ने किया.