हैदराबादः तेलंगाना की राज्यपाल डॉ तमिलिसाई सौंदरराजन ने छात्रों से कम उम्र से पढ़ने और लिखने की आदत डालने का आह्वान किया. राज्यपाल ने राष्टीय पुस्तक न्यास भारत के सहयोग से राजभवन में ‘रीड इंडिया, लीड इंडिया’ अभियान की शुरुआत की. इस अवसर पर राज्यपाल के संयुक्त सचिव जे. भवानी शंकर और न्यास के निदेश युवराज मलिक उपस्थित थे. राजभवन ने इस अवसर पर छात्रों और अभिभावकों के लिए अपने दरवाजे खोल दिए थे, जहां उन्होंने परस्पर संवाद और कहानी-पाठ सत्र में भाग लिया, जिसके बाद करियर परामर्श सत्र भी आयोजित किया गया. राज्यपाल ने पठन-पाठन के महत्त्व के बारे में विस्तार से बताया. उन्होंने कहा कि पढ़ना विभिन्न मुद्दों पर एक व्यापक दृष्टिकोण देता है और आपको एक नेता के रूप में बदल देता है. पढ़ने से प्रतिस्पर्धी दुनिया में अतिरिक्त लाभ भी मिलता है.
राज्यपाल ने अपने छात्र दिनों को भी याद किया. उन्होंने कहा कि उनके पिता ने उन्हें स्वामी विवेकानंद और प्रसिद्ध तमिल कवि सुब्रमण्यम भारती की पुस्तकें भेंट की थीं. उन पुस्तकों ने मुझे बहुत प्रेरित किया है. इन पुस्तकों ने मुझमें आत्मविश्वास की भावना पैदा की. मैं अभी भी दिन में कम से कम एक घंटा पढ़ने की आदत रखती हूं. हर घर में किताबों का एक कमरा अवश्य होना चाहिए. उन्होंने दावा किया कि किताबें पढ़ने से से न केवल ज्ञान प्राप्त करने में मदद मिलती है, बल्कि ज्ञान का उपयोग समाज में सुधार लाने के लिए एक शक्ति के रूप में भी किया जा सकता है. मलिक ने छात्रों को देश का भविष्य बताया, जो ज्ञान के माध्यम से ही इस देश को दिशा दे सकते हैं. इस अवसर पर छात्रों ने जिले में चल रही पुस्तक प्रदर्शनी में राष्ट्रीय पुस्तक न्यास, भारत द्वारा उपलब्ध कराई गई हिंदी सहित सभी भारतीय भाषाओं के पुस्तकों की विस्तृत श्रृंखला को भी उत्साहपूर्वक देखा.