अल्मोड़ा: प्रकृति के सुकुमार कवि सुमित्रानंदन पंत की 124वीं जयंती उनके पैतृक गांव स्यूनराकोट में धूमधाम से मनाई गई. कार्यक्रम का शुभारंभ राजकीय इंटर कालेज कमलेश्वर की छात्राओं द्वारा गाए स्वागत गीत व सरस्वती वंदना ‘दैण है जाए मां सरस्वतीमां सरस्वती दैण है जाए‘ से हुआ. इसके बाद उपस्थित अतिथियों ने पंत जी के चित्र का अनावरण और उस पर पुष्प अर्पित किया. कार्यक्रम की अध्यक्षता सुमित्रानंदन पंत स्मारक समिति के अध्यक्ष लाल सिंह स्यूनरी ने किया. इतिहासकार प्रो अनिल जोशी बतौर मुख्य अतिथि मौजूद रहे. विशिष्ट अतिथि के रूप में महेश नयाल और प्रसिद्ध साहित्यकार प्रो दिवा भट्ट मौजूद रहे. इस अवसर पर साहित्यकार व रंगकर्मी त्रिभुवन गिरी महाराज को प्रथम सुमित्रानंदन पंत स्मृति पुरस्कार से सम्मानित किया गया. नीलम नेगी ने त्रिभुवन गिरी महाराज के जीवन व उनकी उपलब्धियों का वाचन किया. अति विशिष्ट अतिथि के रूप में साहित्यकार प्रो सैय्यद अली हामिदलोकगायक दीवान कनवालप्रो प्रमिला पाण्डे आदि उपस्थित थे. पंडित सुमित्रानंदन पंत के जीवन चरित और साहित्यिक अवदान पर आधार व्याख्यान एसएसजे कुमाऊं विश्वविद्यालय अल्मोड़ा के हिंदी विभाग के व्याख्याता डा तेजपाल सिंह ने दिया.

सुमित्रानंदन पंत स्मारक समिति के उपाध्यक्ष ललित प्रसाद पंत ने कवि पंत से जुड़े संस्मरण सुनाए. संचालन समिति के कोषाध्यक्ष नीरज पंत ने किया. इस अवसर पर एक कविता-गोष्ठी का आयोजन भी किया गया,जिसमें कई नामचीन कवियों ने अपनी स्वरचित कविताओं का पाठ किया. प्रतिभागी कवियों में गीता पांडेगीता पवारभावना जोशी डा राधाबल्लभ पांडेउदय किरौलामहेंद्र ठकुराठीबिपिन चंद्र जोशीप्रो दिवा भट्टडा हयात रावतकंचन तिवारीमीनू जोशी कमला बिष्टत्रिभुवन गिरी महाराजलोक गायक दीवान कनवालनीलम नेगीनीरज पंत व नवीन बिष्ट उपस्थित थे. संचालक नीरज पंत ने बताया कि समिति को सुमित्रानंदन पंत के पोते सुधांशु पंतपोती डा नमिता सिंहललित प्रसाद पंतविपिन चंद्र पंतसांसद अजय टम्टाबबीता भाकुनीमहेश नयाल का सराहनीय योगदान रहा. कार्यक्रम में राज्य आंदोलनकारी नीरज पंतसुरेश पंतप्रकाश चंद्र पंतपंकज पंतकिरन पंतचित्रा पंतसुषमा पंतश्री राम शर्मापीसी तिवारीजगदीश जोशी और रघु तिवारी भी कार्यक्रम में उपस्थित रहे. कार्यक्रम की समाप्ति पर सभी अतिथि कविवर सुमित्रानंदन पंत के पैतृक घर को देखने गए. सचिव आनंद सिंह डंगवाल ने सभी का आभार जताया.