गुवाहाटी: प्रसिद्ध साहित्यकार और शोधकर्ता डा बसंत कुमार गोस्वामी को असम की प्रमुख साहित्यिक संस्था असम साहित्य सभा का अध्यक्ष चुना गया है. उन्हें कामरूप जिले के दादरा में आयोजित अधिवेशन के दौरान काफी उत्तेजना भरी निर्वाचन प्रक्रिया के बाद इस पद पर चुना गया. वोटों की गिनती के बाद गोस्वामी 403 वोटों के साथ विजयी हुए, उन्होंने अपने प्रतिद्वंद्वी उपेन राभा हकाचम को पीछे छोड़ा, जिन्हें 325 वोट मिले. शीर्ष साहित्यिक संस्था ने 389 वोटों के साथ पदुम राजखोवा को अपना नया उपाध्यक्ष भी चुना, जबकि देबजीत बोरा को महासचिव नियुक्त किया गया. 107 साल पुरानी असम साहित्य सभा हर दो साल में अपना सम्मेलन आयोजित करती है, जिसमें इसके पदाधिकारियों का चुनाव भी होता है. इस चुनाव के लिए मतपेटियों को 5 दिसंबर को सील कर दिया गया था और उन्हें गुवाहाटी के मेघदूत भवन में रखा गया था. अब मतगणना के बाद गोस्वामी के निर्वाचन की पुष्टि निवर्तमान अध्यक्ष डा सूर्यकांत हजारिका ने की.

अपने निर्वाचन की घोषणा के बाद गोस्वामी ने सभा से जुड़े विवादों को सुलझाने के लिए अपनी प्रतिबद्धता व्यक्त की और अपने कार्यकाल के दौरान प्रगति को आगे बढ़ाने के लिए अपने समर्पण पर जोर दिया. उन्होंने अगले दो वर्षों में अपने समय का प्रभावी ढंग से उपयोग करने का संकल्प लिया. उन्होंने असमिया भाषा के इतिहास में गहराई से जाने और श्रीमंत शंकरदेव की रचनाओं का अंग्रेजी और हिंदी में अनुवाद करने की योजनाओं की रूपरेखा भी बताई. उल्लेखनीय है कि गोस्वामी इससे पहले 1999 और 2001 में असम साहित्य सभा के महासचिव के रूप में कार्य कर चुके हैं. 2001 में अपने कार्यकाल के दौरान उन्होंने प्रख्यात लेखक होमेन बोरगोहेन की अध्यक्षता में ‘असमिया विश्वकोश’ के प्रकाशन में भी योगदान दिया था, जो राज्य के साहित्यिक परिदृश्य के लिए एक ऐतिहासिक पहल थी.