जयपुर: जीवन सुंदर संस्थान की ओर से जवाहर कला केंद्र के ‘कृष्णायन‘ में आयोजित कार्यक्रम में देवी राम जोधावत की पुस्तक ‘सृष्टि का श्रृंगार‘ के आवरण का विमोचन हुआ. जोधावत की पुत्री और जवाहर कला केंद्र की अतिरिक्त महानिदेशक प्रियंका जोधावत ने समारोह की रूपरेखा पर रोशनी डाली. प्रियंका ने कहा कि पुस्तक के आवरण का विमोचन करने का अर्थ है खुद के प्रति संकल्पबद्ध होना. आज जोधावत जी को गए छह महीने हो गए हैंअगले छह महीने में उनकी पहली पुण्यतिथि पर इसका लोकार्पण होगा. प्रियंका ने इस मौके पर जोधावत की कविताओं में छिपे भावों और उनके कृतित्व व व्यक्ति के बारे में विस्तार से जानकारी दी. मुख्य वक्ता वरिष्ठ साहित्यकार वेदव्यास ने कहा कि प्रशासनिक सेवाओं में रहने वाले देवी राम जोधावत ने अपनी अंतर्चेतना को कभी बुझने नहीं दिया. उन्होंने कहा कि अक्सर लोग समय के उस पार देखने की चेष्टा नहीं करते किंतु जोधावत ने अपने साहित्य में समय के उस पार देखने का भी पूरा प्रयास किया है. वे एक मौलिक रचनाकार थे. उन्होंने अपनी कविताओं में सहज मनुष्य होने को रेखांकित किया.

साहित्यकार नंद भारद्वाज ने कहा कि रचनाकार अपने साहित्य सृजन से ही ‘सृष्टि का श्रृंगार‘ करता है. आज दुनिया हमें जिस खूबसूरत रूप में मिली है उसे हम अपनी सोच और सृजन से और भी खूबसूरत बना दें तभी हमारे मनुष्य और साहित्यकार होने की सार्थकता है. शायर लोकेश कुमार सिंह ‘साहिल‘ ने कहा कि आने वाला समय तय करेगा कि उनकी रचनाएं कैसी हैं. समय को दिशा दिखाने का काम कविता हर दौर में करती आई है. डीआर जोधावत की कविताएं हमें बेहतर समाज का रास्ता दिखाती हैं. इस मौके पर वरिष्ठ साहित्यकार कृष्ण कल्पितमनीषा कुलश्रेष्ठ ने भी विचार व्यक्त किए. जोधावत परिवार के दिव्यांशुआरुषिसिद्धार्थ ने कविताओं के जरिए डीआर जोधावत को श्रद्धांजलि दी. पत्नी संपत राज जोधावतरविंद्र जोधावतशशि और सीमा जोधावत ने सभी का आभार व्यक्त किया. इस मौके पर डीआर जोधावत के साहित्य के सफर पर बने वृत्त-चित्र का प्रदर्शन भी हुआ. अब्दुल लतीफ उस्ता द्वारा संचालित इस कार्यक्रम की शुरुआत कला मर्मज्ञ केसी मालूहास्य कवि संजय झालाराजस्थान प्रशासनिक सेवा के वरिष्ठ अधिकारी पंकज ओझाधोद बैंड के प्रवर्तक रहीस भारती और गीतकार बनज कुमार बनज आदि की उपस्थिति में हुई. राजस्थान के कई वरिष्ठ साहित्यकार और साहित्य प्रेमी कार्यक्रम में उपस्थित थे.