पौड़ी गढ़वाल: भारतीय दलित साहित्य अकादमी गढ़वाल मंडल ने पदमपुर कोटद्वार में आयोजित एक कार्यक्रम में भारतीय दलित साहित्य अकादमी के राष्ट्रीय अध्यक्ष प्रोफेसर डा सोहनपाल सुमनाक्षर का 84 वां जन्मदिन मनाया. अकादमी ने इस दिन को पांचवें दलित साहित्य दिवस के रूप में भी मनाया. कार्यक्रम की अध्यक्षता अकादमी के मंडलीय अध्यक्ष सुरेन्द्र लाल आर्य सर्वोदय पुरुष ने की, तो संचालन पार्षद वार्ड नं 37 सुखपाल शाह ने किया. कार्यक्रम के मुख्य अतिथि भगवान बुद्ध नेशनल फेलोशिप अवार्ड से सम्मानित समाजसेवी 93 वर्षीय वयोवृद्ध चक्रधर शर्मा कमलेश थे. उन्होंने कहा कि डा सुमनाक्षर सामाजिक ताने बाने के समतलीकरण के लिए दशकों से कार्य कर रहे हैं, जिससे समतामूलक समाज की स्थापना हो सके. विशिष्ट अतिथि शूरबीर खेतवाल ने कहा कि डा सुमनाक्षर द्वारा मुझे भी डा अम्बेडकर नेशनल फेलोशिप अवार्ड 2018 से सम्मानित किया गया था. डा सुमनाक्षर की सरलता, सादगी, सहजता व आदरभाव जैसे गुण अकादमी को एक सूत्र में पिरोये हुए हैं.
इस आयोजन में उपस्थित साहित्यकारों, शिक्षाविदों, समाज सेवियों, पत्रकारों, उद्योगपतियों व समाज के विभिन्न वर्गों द्वारा डा सुमनाक्षर को उनकी 84 वीं जयंती पर शुभकामनाएं प्रेषित की गईं और उनके सुखद भविष्य एवं दीर्घायु की कामना की गई. बैठक में सुदीप बौंठियाल, ओमप्रकाश आर्य, अजय नेगी, भारत सिंह, कुसुमलता आर्य, पूर्व प्रधान सुनीता देवी व शशिकांत आदि मौजूद रहे. याद रहे कि सोहन पाल सुमनाक्षर ने दलित साहित्य को देश और विदेश में आगे बढ़ाने का काम किया. उनके द्वारा स्थापित अकादमी ने उस समय अपना काम करना शुरू किया था, जब देश के अंदर दलित साहित्य की अलग से कोई चर्चा नहीं होती थी. उन्होंने दलित साहित्य और लेखकों की खोज कर उनकी पुस्तकों के प्रकाशन का काम किया. इतना ही नहीं भारत वर्ष के अलावा विदेशों में भी अकादमी के कार्यक्रम आयोजित कर दलित साहित्य अकादमी से जुड़ने के लिए लोगों को प्रेरित किया.