नई दिल्ली: प्रगति मैदान में लगा नई दिल्ली विश्व पुस्तक मेला पुस्तक प्रेमियों का गवाह बन रहा है. छुट्टी के दिनों में मेले में भारी भीड़ दिखी. लेखकों के साथ सेल्फी और लगभग हर बुक स्टाल पर पुस्तकों का विमोचन, परिचर्चा मेले का एक और आकर्षण है. मेले में सूचना एवं प्रसारण सचिव संजय जाजू नेप्रकाशन विभाग द्वारा प्रकाशित ‘इंडिया ईयर बुक 2024’ और ‘कैरियर कॉलिंग’ का विमोचन किया. भारत की प्रगति से संबंधित नवीनतम जानकारी प्रदान करने वाली ‘इंडिया ईयर बुक 2024’ एक वार्षिक संदर्भ पुस्‍तक है. वाणी प्रकाशन के स्टाल पर नोबेल पुरस्कार प्राप्त लेखक यून फुस्से की किताब की हिंदी में अनूदित पुस्तक ‘आग के पास आलिस है यह’ पर अनुवादक तेजी ग्रोवर के साथ परिचर्चा, ज्ञानपीठ से सम्मानित कोंकणी लेखक दामोदर मोवज़ो के हिंदी में प्रकाशित ‘मन्नत और अन्य कहानियाँ’ का विमोचन, स्वदेश दीपक की 17 किताबों का लोर्कापण और परिचर्चा, डा सुनील शर्मा, प्रो सुमा, प्रवीण कुमार झा, उदय प्रकाश की पुस्तकों का लोकार्पण और चर्चा हुई.

राजकमल प्रकाशन समूह के स्टाल पर ‘बहुभाषिकता का सुख’ विषय पर अशोक वाजपेयी, अब्दुल बिस्मिल्लाह, जानकीप्रसाद शर्मा, हरीश त्रिवेदी, पंकज चतुर्वेदी, शिवांगी और मृत्युंजय; जातियों का लोकतंत्र शृंखला की तीन किताबों का लोकार्पण; मंगलेश डबराल, ओमप्रकाश वाल्मीकि और कुमार विकल की सम्पूर्ण कविताओं का अल्मा डबराल, गंगा सहाय मीणा, मदन कश्यप, विष्णु नागर, डा बजरंग बिहारी तिवारी और प्रो रविकान्त मौजूदगी में विमोचन; जंसिता केरकेट्टा के कविता संग्रह ‘प्रेम में पेड़ होना’; ‘मृत्यु और हँसी’ उपन्यास पर लेखक प्रदीप अवस्थी से देवेश की बातचीत, कबीर संजय के कहानी संग्रह ‘फेंगशुई’ पर बातचीत खास थी. राजपाल प्रकाशन, सामयिक प्रकाशन, अनामिका प्रकाशन, रेवमाधव आर्ट के स्टाल का भी अलग आकर्षण था. सर्वभाषा ट्रस्ट के स्टाल पर वाराणसी मंडल के लोकप्रिय शिक्षक और अपनी आध्यात्मिक उर्जा से प्रभावित कर देने वाले डा संत कुमार त्रिपाठी की पहली आत्मकथात्मक कृति ‘तुम्हें जाना कहां है’ के विमोचन अवसर पर उत्तर प्रदेश के कैबिनेट मंत्री अनिल राजभर गुरु के चरणों में नतमस्तक दिखे. इस स्टाल पर ओम निश्चल द्वारा संपादित गजल शृंखला का भी आकर्षण लोगों में दिखा.