उदयपुर: राजस्थान में स्थानीय साहित्यिक कृतियों और उनके कृतिकारों को महत्त्व मिले इसके लिए कई कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं. इन्हीं में से एक है, मेवाड़ के साहित्यकारों द्वारा सृजित कृतियों से स्थानीय युवा पाठकों व पत्रकारों को जोड़ना. इस उद्देश्य के तहत उदयपुर स्थित सूचना एवं जनसंपर्क कार्यालय मेवाड़ से जुड़े साहित्यकारों की साहित्य गैलेरी बना रहा है. स्थानीय साहित्यकारों और पत्रकारों द्वारा सराही जा रही इस मुहिम को राजस्थान साहित्य अकादमी का सहयोग भी मिला है. इस अभियान को गति मिले इसके लिए पिछले दिनों राजस्थान साहित्य अकादमी के अध्यक्ष डा दुलाराम सहारण सूचना केंद्र पहुंचे. वहां उन्होंने सूचना एवं जनसंपर्क कार्यालय के संयुक्त निदेशक डा कमलेश शर्मा से इस पहल को लेकर चर्चा की. साहित्य के संरक्षण एवं संवर्द्धन के लिए जारी इस मुहिम को मजबूती मिले, इसके लिए उन्होंने अकादमी की ओर सूचना केंद्र को विभिन्न विधाओं की 100 से अधिक पुस्तकें भेंट की.
इस अवसर पर डा सहारण ने कहा कि अब तक सूचना केंद्र समाचार पत्रों और सरकारी गतिविधियों से जुड़ी संदर्भ सामग्री और सूचना के संग्रहालय की भांति काम करता रहा है, लेकिन इस पहल के बाद यह साहित्य का भी संग्रहालय बन जाएगा. ऐसी कोशिशें न केवल साहित्य, साहित्यकार और अपनी भाषा को मजबूती देंगी, बल्कि इससे लोगों में पढ़ने की प्रवृत्ति को भी बढ़ावा मिलेगा. सहारण ने भरोसा दिलाया कि सूचना केंद्र के इस प्रयास को अकादमी की ओर से हर संभव सहयोग प्रदान किया जाएगा. उन्होंने कहा कि सूचना केंद्र में मेवाड़ के साहित्यकारों की साहित्य गैलेरी बनने से साहित्य का उचित संरक्षण होगा और जिज्ञासु लोगों को कई उपयोगी जानकारी मिल सकेगी. डा सहारण ने कहा कि सूचना केंद्र की संदर्भ शाखा में कई उपयोगी एवं ज्ञानवर्द्धक साहित्य, समाचार पत्र एवं पुस्तकें सहज सुलभ व सुरक्षित है. ऐसे में मेवाड़ के साहित्यकारों के लिए यहां तैयार की जा रही साहित्य गैलेरी से साहित्य को विशिष्ट पहचान मिलेगी.