नई दिल्ली: हिंदी हमारी राजभाषा है और इसे लेकर भारत सरकार और उसके मुखिया प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की नीति स्पष्ट है. इसलिए हिंदी में कामकाज को बढ़ावा देने के साथ ही हिंदी को मजबूत करने का हर संभव प्रयास किया जाएगा. केंद्रीय मंत्री डा जितेन्द्र सिंह की अध्यक्षता में कार्मिकलोक शिकायत तथा पेंशन मंत्रालय की हिंदी सलाहकार समिति की 14वीं बैठक में यह बात खुलकर सामने आई. इस बैठक में लोक सभा सांसद सतीश कुमार गौतमश्याम सिंह यादवराज्य सभा सांसद रवंगवरा नारजारी सहित हिंदी भाषा के जाने-माने विद्वानों एवं कार्यालय के अधिकारियों ने भाग लिया. इस बैठक में सभी सदस्यों ने राजभाषा हिंदी को बढ़ावा देने संबंधी बहुमूल्य सुझाव दिए जिनका स्वागत करते हुए सिंह ने आश्वस्त किया कि इन सुझावों का अनुपालन सुनिश्चित किया जाएगा. स्वर्गीय अटल बिहारी वाजपेयी की याद में सभी सदस्यों को ‘अटल संदेश‘ पुस्तक भेंट की गई. इ

इस अवसर पर कर्मयोगी भारत‘ के मुख्य कार्यकारी अधिकारी अभिषेक सिंह ने सचल प्रस्तुति के माध्यम से बताया कि इस मंच पर कुल 650 से भी अधिक पाठ्यक्रम हैंजिनमें से 56 पाठ्यक्रम राजभाषा हिंदी में चलाए जाते हैं एवं  आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस ‘एआई‘ के माध्यम से ‘भाषिनि‘ का प्रयोग करके बाकी के पाठ्यक्रमों का भी हिंदी एवं अन्य भारतीय भाषाओं में स्वचालित अनुवाद करने का प्रयास किया जा रहा है.  राजभाषा हिंदी के प्रयोग को बढ़ावा देते हुए स्थापना अधिकारी प्रभाग द्वारा प्रशंसनीय कार्य करने हेतु स्थापना अधिकारी एवं अपर सचिव दीप्ति उमाशंकर को प्रशस्ति-पत्र से सम्मानित किया गया. राजभाषा के क्षेत्र में अधिकाधिक कार्यालयी कार्य करने हेतु लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय प्रशासन अकादमीमसूरी एवं कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग के प्रशासन-द्वितीय अनुभाग को राजभाषा शील्ड व प्रशस्ति-पत्र से सम्मानित किया गया. इस बैठक में डा केसी अजय कुमार की पुस्तक ‘क्रांति का राजकुमार- वीर सावरकर‘ का विमोचन किया गया.