जयपुर: राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने राजस्थान प्राकृत भाषा एवं साहित्य अकादमी के गठन को मंजूरी दे दी है. राजस्थान सरकार के आधिकारिक बयान के अनुसार राज्य सरकार द्वारा राजस्थान प्राकृत भाषा एवं साहित्य अकादमी का गठन किया जाएगा. यह अकादमी जैन धर्म के लोक साहित्य के प्रकाशन एवं जैन समुदाय की पुरातात्विक धरोहरों एवं मंदिरों के पुररूद्धार व संरक्षण हेतु कार्य करेगी. इस बयान के अनुसार, “मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने अकादमी के गठन के प्रस्ताव को मंजूरी प्रदान की है. इसके द्वारा प्राकृत एवं जैन भाषा के साहित्य का संरक्षण, संवर्धन तथा अभिवृद्धि के लिए अनेक कार्य किए जाएंगे.”
इस सरकारी बयान में यह भी कहा गया है कि राजस्थान प्राकृत भाषा एवं साहित्य अकादमी राज्य में भाषा से संबंधित पुस्तकालय, वाचनालय तथा अध्ययन एवं विचार-विमर्श केन्द्र स्थापित करने, प्राकृत भाषा एवं साहित्य के उत्थान के लिए योजनाएं तैयार करने एवं अकादमी के उद्देश्यों को आगे बढ़ाने के लिए आवश्यक कार्य करेगी. इस बयान के अनुसार अकादमी में एक अध्यक्ष, उपाध्यक्ष, कोषाध्यक्ष और सचिव सहित 4 अधिकारी होंगे, जिनकी नियुक्ति राज्य सरकार द्वारा की जाएगी.