यह सृष्टि गतिशीलता और स्थिरता से सृजित है, जिसे नाट्य शास्त्र संतुलित करता है: प्रो अर्जुनदेव चारण
जयपुर: "भारतीय नाट्य परम्परा मनुष्य को आत्मिक सुख की ओर ले जाती है. नाट्य शास्त्र से मनुष्य रस प्राप्त करता है. संसार का सबसे पहला अभिनेता ॠषि था इसलिए आज का [...]