राजकमल चौधरी की पुण्यतिथि और अमृता शेरगिल के लिए लिखी उनकी कविता

राजकमल चौधरी हिंदी व मैथिली के ऐसे अद्भुत रचनाकार थे, जिनका जिक्र किए बिना आधुनिक हिंदी साहित्य की बात हो ही नहीं सकती. चाहे कविता, कहानी, उपन्यास, निबंध, आलोचना हो [...]

2020-06-19T16:48:17+05:30

नई कविता का मुहावरा रस सिद्धांत के खिलाफ खड़ा किया गयाः सर्वेश सिंह

नई दिल्ली: 'हिंदी साहित्य का इतिहास अध्ययन की नई दृष्टि' व्याख्यान माला के तहत वाणी प्रकाशन के सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म पर 'नई कविता एक पुनर्विचार' विषय पर वक्तव्य देते हुए [...]

2020-06-18T16:47:06+05:30

पुस्तकों के साथ मुफ्त मास्क दे रहा राजकमल प्रकाशन

नई दिल्लीः भारत में कोरोना बीमारी अपने डैने तेजी से फैला रही है. ऐसे में लॉकडाउन में किताबों ने सबसे अहम भूमिका अदा की है. पाठकों, लेखकों और साहित्य प्रेमियों [...]

2020-06-18T16:37:56+05:30

क्या जगह है दोस्तो ये कौन सा दयार है…वाले शहरयार की जयंती

हम पढ़ रहे थे ख़्वाब के पुर्ज़ों को जोड़ के आँधी ने ये तिलिस्म भी रख डाला तोड़ के...आज अख़लाक़ मुहम्मद ख़ान की जयंती है. हिंदी साहित्य और उर्दू शायरी [...]

2020-06-16T17:28:08+05:30

मानवता की तुलसी फूले और फले…माटी की सुगंध समूह ने ‘पुष्प’ शीर्षक पर कराया कवि सम्मेलन

नई दिल्लीः माटी की सुगंध व्हाट्सएप समूह के तत्वावधान में पुष्प शीर्षक से कवि सम्मेलन का सफल आयोजन किया गया. अध्यक्षता जाने-माने गीतकार डॉ जयसिंह आर्य ने की. मुख्य अतिथि [...]

2020-06-16T17:18:22+05:30

इतिहास को मात्र घटनाओं का संकुल न मानने वाले लेखक वीरेंद्र कुमार बरनवाल का जाना

नई दिल्लीः 'इतिहास मात्र घटनाओं का संकुल और महत्त्वाकांक्षियों की नियति के उतार-चढ़ाव का दस्तावेज़ ही नहीं है. उसके विराट मंच पर उभरे काल-प्रेरित अभिनेताओं के मनोजगत की उथल-पुथल से [...]

2020-06-16T17:18:20+05:30

उर्मिला शिरीष ने वर्ष 2019 और 2020 के लिए स्पंदन सम्मान विजेताओं की सूची जारी की

भोपालः ललित कलाओं के लिए समर्पित भोपाल की संस्था 'स्पंदन' ने हिंदी साहित्य और प्रदर्शनकारी कला क्षेत्र में काम करने वाले साहित्यकारों, कलाकारों को सम्मानित करने का क्रम बरकरार रखते [...]

2020-06-15T17:17:47+05:30

खड़ी बोली कविता की जमीन बहुत व्यापक और बहुलतावादी हैः प्रो प्रभाकर सिंह

नई दिल्ली: हिंदी साहित्य का इतिहास अध्ययन की नई दृष्टि व्याख्यानमाला में 'खड़ी बोली कविता की जमीन और द्विवेदी युग' विषय पर बोलते हुए काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के प्रोफेसर प्रभाकर [...]

2020-06-15T17:08:10+05:30

दिल्ली की रवायतों को जीने वाले शानदार शायर थे आनंद मोहन जुत्शी उर्फ गुलजार देहलवी

नई दिल्लीः आनंद मोहन जुत्शी मूलतः कश्मीरी थे, लेकिन उनके जन्म और कर्म की धरती दिल्ली थी. इसीलिए इस कश्मीरी पंडित को अपनी सरजमीं से इतना लगाव हुआ कि अपना [...]

2020-06-15T17:08:06+05:30

हिन्दी साहित्य का इतिहास अध्ययन की नई दृष्टि विषय पर वाणी प्रकाशन का दैनिक व्याख्यान

नई दिल्ली: आज जिस तेजी से दुनिया बदल रही रही है उतनी ही तेजी से साहित्यक विधाओं की प्रकृति और सरंचना भी. इसी के मद्देनजर वाणी प्रकाशन और डॉ प्रभाकर [...]

2020-06-12T19:39:56+05:30
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