युवा प्रतीक्षा नहीं करता, ढूंढ़ लेता है अपनी चाहत का साहित्य

प्रभात कुमार पाठकl जागरण गोरखपुर: ‘तुमने जहां प्रेम लिखा है, वहां सड़क लिख दो...मुझे कुछ फर्क नहीं पड़ता, हमारे युग का मुहावरा है’। युवा अपनी चाहत का साहित्य ढूंढ़ लेता है। संचार क्रांति [...]

2024-11-06T16:19:57+05:30

हिंदी की अविरल धारा के आगे टिक नहीं सकते अवरोध : प्रो. विश्वनाथ

जागरण संवाददाता, गोरखपुर : संवाद केवल मनुष्य की विशेषता है, दूसरे प्राणियों में न्यूनतम संवाद होता है। यह लोकतंत्र की विशेषता है, दूसरी व्यवस्था में यह केवल दिखावे भर का होता है। संवाद [...]

2024-11-06T16:18:58+05:30

सजा विचारों का मेला, अभिव्यक्ति के उत्सव का हर रंग अलबेला

आशुतोष मिश्र, जागरण गोरखपुर: उत्सव अभिव्यक्ति का, जहां मंच और वक्ता संग हर श्रोता संवादी है। सतत संवाद से समृद्ध भारतीय ज्ञान परंपरा जिसकी आत्मा हो उस आयोजन का इस तरह जीवंत [...]

2024-11-06T16:14:43+05:30

अद्वितीय है जागरण का संवादी : रवि किशन

जागरण संवाददाता, गोरखपुर : संवादी में पहुंचे सदर सांसद और अभिनेता रविकिशन शुक्ल मो. रफी के शताब्दी समारोह के उपलक्ष्य में आयोजित कार्यक्रम को सुनकर मंत्रमुग्ध हो गए। उन्होंने इसकी और [...]

2024-11-06T16:12:58+05:30

…तेरी आंखों में प्यार ही प्यार बेशुमार

दुर्गेश त्रिपाठी l जागरण गोरखपुर : शानदार आवाज...यादगार इतिहास और दमदार सुर की जुगलबंदी ने ऐसा समां बांधा कि मो. रफी को याद कर कभी आंखें डबडबाईं तो कभी तन-मन झंकृत हो [...]

2024-11-06T16:12:03+05:30

सिर्फ मनोज तिवारी, रवि किशन और पवन से भोजपुरी नाहीं चली…

जितेन्द्र पाण्डेय l जागरण गोरखपुर : गायक से नायक और नायक से नेता बने सांसद मनोज तिवारी से बातचीत का सत्र पूरी तरह रोमांच से भरा रहा। भोजपुरी के विकास, भोजपुरी सिनेमा को [...]

2024-11-06T15:56:42+05:30

सशक्त होगा समाज तो दूर होंगी रूढ़ियां

विश्वदीपक त्रिपाठी l जागरण गोरखपुर: जागरण संवादी के चौथे सत्र में संविधान और जाति व्यवस्था विषय पर आयोजित विमर्श के केंद्र बिंदु में समाज रहा। परिचर्चा के दौरान यह बात उभर कर [...]

2024-11-06T15:55:34+05:30

देश के विभाजन के बाद असीम हो गई सिंधी

गजाधर द्विवेदी l जागरण गोरखपुर : योगिराज बाबा गंभीरनाथ प्रेक्षागृह में आयोजित ‘दैनिक जागरण संवादी’ में शनिवार को तीसरा सत्र सिंधी साहित्य के नाम रहा। विषय था- ‘हाशिए पर सिंधी साहित्य’। लेकिन, जब [...]

2024-11-06T15:54:43+05:30

पाठकों के हाथ में किताब पहुंचना जरूरी

अरुण चन्द l जागरण गोरखपुर : साहित्य को दायरे में नहीं बांधा जा सकता है। इसमें सभी का समावेश है। जितनी विविधता होगी, कहानी उतनी ही पसंद की जाएगी। अंत:करण को जोड़ने वाले [...]

2024-11-06T15:53:31+05:30

हिंदी, सिंधी, भोजपुरी की त्रिवेणी से विचारों का महाकुंभ साकार

आशुतोष मिश्र l जागरण गोरखपुर: जिस चुंबकीय वाणी का आकर्षण देशभर के बहुसंख्यक हिंदीभाषियों में है, वह संवादी के मंच से मुखरित हुई तो योगिराज बाबा गंभीरनाथ प्रेक्षागृह का सभागार सम्मोहित भाव से [...]

2024-11-06T15:52:23+05:30
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