नई दिल्ली: साहित्य प्रेमी मंडल ने राजधानी के आईटीओ स्थित हिंदी भवन सभागार में ‘स्वर गंगा कवि सम्मेलन‘ और ‘सम्मान समारोह‘ आयोजित किया. इस कार्यक्रम में पद्मश्री से सम्मानित सुरेंद्र शर्मा को ‘अल्हड़ बीकानेरी हास्य रत्न सम्मान‘, कीर्ति काले को ‘निराला श्री सम्मान‘ और मदन मोहन समर को ‘साहित्य भारतीय सम्मान‘ से अलंकृत किया गया. कवि सम्मेलन में देश के नामचीन कवियों ने पांच घंटे के करीब काव्य पाठ किया. समारोह के मुख्य अतिथि पूर्व केंद्रीय मंत्री सत्यनारायण जटिया थे. इस अवसर पर जटिया ने कहा कि साहित्य प्रेमी मंडल एक ऐसी संस्था है जो साहित्य के साथ-साथ संस्कारों का भी बीजारोपण कर रही है. उन्होंने कहा कि कविता विविध रसों और आयामों को कम शब्दों में प्रस्तुत करने की ऐसी विधा है जिसका असर दूर तक और देर तक रहता है. हास्य और ओज के कवि डा प्रवीण शुक्ल ने संचालन किया. प्रवीण शुक्ल ने पढ़ा, ‘विशेष विशेषता जो है एक के पासवही तो बनाती है उसे दूसरों से खासइसलिए इस प्रकृति मेंजब भी जिसका भी थामों हाथउसे स्वीकार करो उसके मूल स्वभाव के साथ.

डा कीर्ति काले ने माता-पिता को समर्पित कविता पढ़ीअयोध्या में अगर ढूंढोगेतो श्री राम मिलते हैंजो वृंदावन में ढूंढोगे तो फिर घनश्याम मिलते हैंअगर काशी में ढूंढोगे तो भोलेनाथ मिल जाएंमगर मां-बाप की चरणों में चारों धाम मिलते हैं.‘ संदीप शजर ने पढ़ा, ‘कमाल है जिसे सारा जहान देखता हैगरज पे वो भी मगर आसमान देखता है,अजीब सर्द था मौसम कि जम गए आंसूवरना पानी हमेशा ढलान देखता है.‘ कवि सम्मेलन में डा सुरेश अवस्थीडा सरिता शर्माअंजू जैनडा विमलेश कांति वर्माडा सुभाष वशिष्ठअतुल प्रभाकरराज कौशिकमहेश गर्ग बेधड़कगुणवीर राणाडा रंजना अग्रवालआदिल रशीदपूनम मटियातूलिका सेठवंदना कुंअर रायजादाविनोद पाराशरसुनहरी लाल तुरंतयोगेंद्र सुंदरियालरजनीश राजमुकेश शर्मासरिता सरोजप्रेम बिहारी मिश्रअतुल जैन और हरि प्रकाश सहित अनेक कवियोंलेखकों और साहित्यकारों की उपस्थिति रही. याद रहे कि कवि ब्रज शुक्ल घायल द्वारा स्थापित साहित्य प्रेमी मंडल अपने 39 वर्ष पूरे कर चुका है.