नई दिल्ली: धर्म-अध्यात्म, योग, स्वास्थ्य, पुराण, विज्ञान, प्रौद्योगिकी, व्यक्तित्व विकास, व्यापार, आत्मकथा, देशभक्ति, जीवन-चरित, फिक्शन और नान फिक्शन पाठकों के लिए हर तरह की किताबें नई दिल्ली विश्व पुस्तक मेले में हैं. बच्चे, बड़े, वृद्ध हर आयु के पाठक पुस्तक मेले में आ रहे हैं और अपने मनपसंद विषय, लेखक, भाषा की किताबें खरीद रहे हैं. लेकिन यदि बात करें कि विश्व पुस्तक मेले में पाठक किस विषय की किताबें सबसे अधिक पसंद कर रहे हैं, इस पर बात करने के लिए प्रकाशकों का उत्साह देखते ही बना. ओम बुक्स के सीईओ संजय माग्गो के अनुसार, इस बार किताबों के प्रति बच्चों और युवाओं की रुचि बढ़ी है. वे पौराणिक किताबें ज्यादा खरीद रहे हैं. बच्चे रामायण और महाभारत को पढ़ना चाहते हैं और युवा अपनी संस्कृति को समझने के लिए क्षेत्रीय भाषाओं में प्रकाशित पुस्तकों की मांग कर रहे हैं. युवा जिस विषय से ज्यादातर घिरे रहते हैं या सोशल मीडिया पर जैसी रील्स या पोस्ट देखते हैं, उनकी समझ भी उसी के अनुरूप विकसित होती है और वे उन्हीं विषयों की किताबें भी पढ़ना पसंद करते हैं.
रूपा पब्लिकेशन के सीनियर सेल्स एक्जीक्यूटिव अजीत कुमार सिंह के अनुसार आत्मकथा, जीवनचरित, सेल्फ हैल्प, क्लासिक्स सभी सेक्शन की किताबें खरीदी जा रही हैं लेकिन अयोध्या मंदिर बनने से पहले और बाद में भी लोग धर्म और पुराणों को समझना चाह रहे हैं, इसलिए वे श्रीमद्भगवत गीता, रामायण, हनुमान चालीसा अधिक खरीद रहे हैं. विदेश मंत्री एस जयशंकर की पुस्तक ‘व्हाई भारत मैटर्स’ भी युवाओं की डिमांड पर है. अटलांटिक पब्लिशर के जनरल मैनेजर नितिन शर्मा मानते हैं कि फिक्शन और नान फिक्शन पहले से ही लोगों की पसंद थी, खासकर युवाओं की, लेकिन इस बार शास्त्रीय साहित्य भी उनकी रीडिंग हैबिट में शुमार हुआ है. प्रभात प्रकाशन के बिजनेस डेवलपमेंट मैनेजर मोहित शर्मा कहते हैं कि पाठकों में धार्मिक पुस्तकें या कहें ऐसे स्क्रिप्टिड उपन्यास अधिक पसंद किए जा रहे हैं, जिनका संबंध कहीं-न-कहीं धर्म या पुराणों से है. युवा पाठक मनुस्मृति, रामचरितमानस भी ले रहे हैं और स्टाक मार्केट या ऐसी किताबें भी मांग रहे हैं जो उनकी सेल्फ वैल्यू और ग्रोथ से जुड़ी हैं.