फरीदकोट: “बिना किताब वाला कमरा बिना आत्मा के शरीर समान है. किताबें एक ऐसा शाही खजाना है जिसमें सोना चांदी या हीरे जवाहरात नहीं बल्कि ज्ञान और बुद्धि के विचार और भावनाएं एकत्रित कर रखी जाती हैं.” यह बात बाबा फरीद के आगमन पर्व पर स्थानीय बृजेंद्रा कॉलेज में आयोजित बाबा फरीद साहित्य मेला का उद्घाटन करते हुए विधानसभा अध्यक्ष कुलतार सिंह संधवां ने कही. इस अवसर पर विधायक गुरदित सिंह सेखों और डीसी विनीत कुमार भी उपस्थित थे. विधायक सेखों ने कहा कि किताबें ज्ञान का स्रोत हैं. वे मनुष्य को जीवन जीने की कला सिखाती हैं और नेक आचरण वाला बनाती हैं. उन्होंने कहा कि किताबें अच्छे और बुरे के बारे की पहचान करने की समझ देती हैं. इसके अतिरिक्त अपने और दूसरे देशों के साहित्य, इतिहास, संस्कृति, धर्म, वेद, उपनिषद और अनगिनत अन्य ज्ञान की जानकारी प्रदान करती हैं. किताबें मनुष्य के अकेलेपन के साथी हैं, क्योंकि वे न केवल ज्ञान देती हैं बल्कि जीवन को परखना भी सिखाती हैं.
याद रहे कि प्रत्येक वर्ष स्थानीय सरकारी बृजेंद्रा कॉलेज में लगने वाले इस साहित्य मेले में देश भर से प्रकाशक अपनी किताबें प्रदर्शित करते हैं. पिछले वर्ष इस मेले में 40 प्रकाशकों ने भाग लिया था. जबकि इस बार देश भर से 70 प्रकाशक साहित्य मेले में पहुंचे थे. जिनमें दिल्ली से केंद्रीय साहित्य अकादेमी, नेशनल बुक ट्रस्ट आफ इंडिया, अमृतसर से नाथ, शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी और राधा स्वामी प्रकाशन पहली बार मेले में शामिल हुए हैं. मेला आयोजकों के अनुसार पिछले वर्षों की तुलना में इस बार पुस्तक मेले को अधिक प्रतिक्रिया मिलने की उम्मीद है. अनुमान लगाया जा रहा है कि पिछले साल करीब 10 हजार लोगों ने पुस्तक मेले में हिस्सेदारी की थी. उनकी तुलना में इस बार करीब 15 हजार लोगों के पहुंचने की उम्मीद है. मेला आयोजकों के मुताबिक प्रकाशक कालजयी और लोकप्रिय पुस्तकों के अलावा हाल ही में प्रकाशित कहानी-संग्रह , उपन्यास, नाटक, कविताएं, धार्मिक साहित्य तथा अनूदित पुस्तकें भी प्रदर्शित कर रहे हैं, जिनकी गिनती दो सौ के आसपास है.