अयोध्या: सरयू तट पर स्थित सियाराम किला के संस्थापक द्वाराचार्य जगतगुरु स्वामी जानकी शरण महाराज की जीवनी-परक पुस्तक ‘झुनकी चरित‘ का विमोचन लक्ष्मण किला धीश मैथिलीरमण शरणश्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के अध्यक्ष मणिरामदास छावनी के महंत नृत्य गोपाल दास महाराज के उत्तराधिकारी शिष्य महंत कमलनयन दासरंग महल के महंत राम शरण दासतीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट महासचिव चंपत रायअयोध्या के सांसद लल्लू सिंह ने किया. कार्यक्रम का संयोजन सियाराम किला पीठाधीश्वर महंत करुणानिधान शरण महाराज ने किया.अतिथियों का सत्कार एवं संचालन सियाराम किला के अधिकारी अंतर्राष्ट्रीय कथा प्रवक्ता प्रभंजनानंद महाराज ने किया. मुख्य अतिथि महंत कमल नयन दास महाराज ने कहा कि मुझे महाराज जी का आशीर्वाद प्राप्त हुआ है. वह परम संत हैं. यह पुस्तक सभी को प्रेरणा देगी और राष्ट्र निर्माण में अपनी अहम भूमिका निभाएगी.

महंत मैथिलीरमण शरण महाराज ने कहा कि जानकी शरण महाराज सखी संप्रदाय की प्रतिमूर्ति थे. सरल स्वभाव के थे और गौ सेवा करते रहते थे. हमें बालपन में महाराज जी का सानिध्य प्राप्त हुआ. महंत रामशरण दास ने कहा कि महराज जी की पुस्तक नई पीढ़ी को नई दिशा प्रदान करेगी. सांसद लल्लू सिंह कहा कि संतों के बीच में मैं क्या कहूंबस इतना कहता हूं कि संतों का आशीर्वाद हमारे ऊपर है और महाराज जी की पुस्तक निश्चित ही सभी के लिए प्रेरणा स्रोत होगी. ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने कहा कि भगवान राम सूर्यवंश में आए और इसीलिए सूर्य भगवान उनके ललाट पर तिलक करेंगे. उन्होंने कहा कि महापुरुषों की किताब पढ़ते हैं तो उसका प्रभाव हृदय पर पड़ता हैइसलिए अच्छी किताबें बार-बार पढ़ी जाती हैं. महंत करुणाविधान शरण महाराज ने सभी अतिथियों का स्वागत करते हुए कहा कि महाराज जी का जीवन परिचय मंदिर से जुड़े शिष्य अभय कुमार द्वारा लिखा गया है. इस पुस्तक से समाज को निश्चित प्रेरणा मिलेगी. प्रभंजनानंद महाराज ने भी कहा कि महापुरुषों की पुस्तक पढ़ने से प्रेरणा मिलती है.