बीकानेर: पर्यटन लेखक संघ-महफिले अदब के तत्वावधान में साप्ताहिक काव्य गोष्ठी का आयोजन हुआ. गोष्ठी में हिंदी और उर्दू के रचनाकारों ने एक से बढ़कर एक रचना सुनाई. अध्यक्षता वरिष्ठ कवि-गीतकार सरदार अली परिहार ने की. उन्होंने कहा कि मरुधर हेरिटेज में आयोजित इन गोष्ठियों से शहर में अदबी माहौल परवान चढ़ रहा है. मुख्य अतिथि कवयित्री मधुरिमा सिंह ने ‘भारत भाग्य निर्माता हमारे युवा’ सुना कर युवा शक्ति का वर्णन किया. वरिष्ठ शायर ज़ाकिर अदीब ने सुनाया, ‘दिल हमारे थे मिस्ले-आईना, ये लगी देर टूट जाने में.’

आयोजक डॉ ज़िया उल हसन क़ादरी ने सुनाया, ‘आईना देख मिरे यार, ज़रा मेरे बाद; क्या थी सूरत तिरी, अब हो गई क्या मेरे बाद.’ तो असद अली असद ने सुनाया, ‘बदली बदली है नज़र आती फ़ज़ा मेरे बाद’ प्रो नरसिंह बिनानी ने सुनाया, ‘जाने क्यों बिन जीवनसाथी हर खुशी अधूरी लगती है,’ तो कृष्णा वर्मा ने ‘रोशनी उन्हीं को मिली’ कविता सुनाई. धर्मेंद्र राठौड़ धनंजय ने सुनाया ‘कर ले बन्दा कमाल’, तो जुगलकिशोर पुरोहित ने ‘चांद तन्हा है रात तन्हा है’ सुनाकर महफिल में जान डाल दी. राजकुमार ग्रोवर ने सुनाया, ‘जिनकी बदौलत आज़ाद हुए हम’ तो रहमान बादशाह तन्हा ने सुनाया ‘उसकी गली में जाता हूं बार बार मैं’ सुनाकर प्रेम-रस घोल दिया.