देश के विभाजन के बाद असीम हो गई सिंधी
गजाधर द्विवेदी l जागरण गोरखपुर : योगिराज बाबा गंभीरनाथ प्रेक्षागृह में आयोजित ‘दैनिक जागरण संवादी’ में शनिवार को तीसरा सत्र सिंधी साहित्य के नाम रहा। विषय था- ‘हाशिए पर सिंधी साहित्य’। लेकिन, जब [...]
गजाधर द्विवेदी l जागरण गोरखपुर : योगिराज बाबा गंभीरनाथ प्रेक्षागृह में आयोजित ‘दैनिक जागरण संवादी’ में शनिवार को तीसरा सत्र सिंधी साहित्य के नाम रहा। विषय था- ‘हाशिए पर सिंधी साहित्य’। लेकिन, जब [...]
अरुण चन्द l जागरण गोरखपुर : साहित्य को दायरे में नहीं बांधा जा सकता है। इसमें सभी का समावेश है। जितनी विविधता होगी, कहानी उतनी ही पसंद की जाएगी। अंत:करण को जोड़ने वाले [...]
आशुतोष मिश्र l जागरण गोरखपुर: जिस चुंबकीय वाणी का आकर्षण देशभर के बहुसंख्यक हिंदीभाषियों में है, वह संवादी के मंच से मुखरित हुई तो योगिराज बाबा गंभीरनाथ प्रेक्षागृह का सभागार सम्मोहित भाव से [...]
दैनिक जागरण के ‘संवादी’ में बोले मुख्यमंत्री, सुनाई देश के स्वाधीनता संग्राम में हिंदी की बुलंदी की कहानी डा. राकेश राय l जागरण गोरखपुर : मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का मानना है कि [...]
रेवाड़ी: "हरियाणा देश की संस्कृति का प्रथम पालना रहा है तथा प्राचीन काल से ही इसकी संस्कृति बेहद समृद्ध रही है. प्रदेश सरकार हरियाणवी संस्कृति, बोली तथा साहित्य के संरक्षण एवं संवर्धन [...]
नई दिल्ली: कला, संस्कृति, साहित्य और भाषा को लेकर बच्चों और युवाओं में अभिरुचि जगाने की प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की कोशिश इस बार भी मन की बात की 115वीं कड़ी में जारी रही. [...]
गुवाहाटी: "भारत ने लंबे समय से शांति, सद्भाव, भाईचारे और आध्यात्मिकता के सिद्धांतों का उदाहरण प्रस्तुत किया है. हमारा प्राचीन दर्शन, 'वसुधैव कुटुम्बकम' - जिसका अर्थ है 'विश्व एक परिवार है' - भारतीय सभ्यता और संस्कृति [...]
रायपुर: "छत्तीसगढ़ की धरती आदिवासी संस्कृति और परंपराओं से समृद्ध है. जनजातीय समाज के लोग प्रकृति को करीब से समझते हैं और सदियों से पर्यावरण के साथ समन्वय बनाकर जीवन-यापन कर [...]
नई दिल्ली: इसरो और अंतरिक्ष आयोग के अध्यक्ष, अंतरिक्ष विभाग के सचिव और प्रतिष्ठित वैज्ञानिक डा एस सोमनाथ ने आकाशवाणी की ओर से नई दिल्ली के रंग भवन में आयोजित प्रतिष्ठित [...]
शृंगेरी: "सनातन का मतलब है समानुभूति, सहानुभूति, करुणा, सहिष्णुता, अहिंसा, सदाचार, उदात्तता, धार्मिकता, और यह सब एक शब्द में समाहित है, समावेशिता. हमें इस देश में शिक्षा की जरूरत नहीं है. हमें धार्मिक शिक्षा और उपदेश की जरूरत नहीं है." उपराष्ट्रपति [...]