राष्ट्रीय जिला न्यायपालिका सम्मेलन में राष्ट्रपति ने धर्म और न्याय को महाभारत और मुंशी प्रेमचंद की कहानी से समझाया
नई दिल्ली: "धर्म शब्द नैतिकतापूर्ण, आधारभूत नियामक सिद्धांतों के लिए प्रयुक्त होता है. 'धारणात् धर्म इत्याहु:, धर्मो धारयति प्रजा:' अर्थात जो सभी व्यवस्थाओं को धारण करता है यानी आधार देता [...]