नई दिल्ली: रतनव द्वारा तीन दिवसीय नाट्य रंगोत्सव का आगाज स्थानीय श्री राम सेंटर में विकास कुमार झा द्वारा लिखित नाटक ‘यम पुत्र‘ के मंचन से हुआ. इस अवसर पर हास्य रस के दिग्गज लेखककविप्राध्यापक और पद्मश्री से सम्मानित प्रोफेसर अशोक चक्रधर को रंगमंच  के प्रति उनके समर्पण के लिए ‘आजीवन रंग सेवा पुरस्कार‘ से सम्मानित किया गया. रतनव की संस्थापक रमा पांडे ने चक्रधर को ‘आजीवन रंग सेवा पुरस्कार‘ दिए जाने पर कहा कि रंगमंच के क्षेत्र में चक्रधर ने जो योगदान दिया है वह अद्भुत है. रतनव उन कलाकारों का सम्मान करती है जो 60 से ऊपर के हो चुके हैं और जिन्होंने पांच क्षेत्रों टेलीविजनथिएटररेडियोफिल्म और लेखन में अहम योगदान दिया है. इस बार अशोक चक्रधर को ‘आजीवन रंग सेवा पुरस्कार‘ देना हमारे लिए गर्व की बात है. चक्रधर ने कहा कि मैं एकांत में खुद से पूछता हूं कि मैं क्या चीज हूंमेरा वजूद क्या हैतो मैं पाता हूं कि मैं एक नाटककार हूं और ये एक सच्चाई है. और मैं समझता हूं कि नाटक मेरा पहला प्रेम हैमैं मूलतः रंग कर्मी ही हूं. और मैं आभारी हूं कि मुझे आजीवन रंग सेवा पुरस्कार दिया जा रहा है.

इस अवसर पर प्रख्यात शास्त्रीय नृत्यांगनापद्म विभूषण से सम्मानितराज्यसभा सांसद डा सोनल मानसिंह ने भारतीय लोक नृत्यों के विलुप्त होने पर अपनी चिंता जाहिर करते हुआ कहा कि लोक संगीतलोक नृत्य इत्यादि विलुप्त हो रहे हैं. जिसको हम शास्त्रीय संगीत कहते हैं वो तो बचा हुआ हैलेकिन शास्त्रीय नृत्य धीरे-धीरे किसी और दिशा में जा रहा है. यदि हम इसके प्रति सजग नहीं रहे तो शास्त्रीय नृत्य भी धीरे-धीरे विलुप्त हो जाएगा. लेखक विकास कुमार झा का नाटक ‘यम पुत्र‘ एक हिंदू ब्राह्मण परिवार द्वारा गोद लिए गए महापात्र समुदाय के एक लड़के के इर्द-गिर्द घूमते सामाजिक भेदभाव की मार्मिक कहानी है. यम पुत्र एक सम्मोहक कथा हैजो भारत में महापात्र समुदाय द्वारा अनुभव किए गए गहन सामाजिक भेदभाव को उजागर करती है. नाट्य रंगोत्सव के दौरान रमा पांडे द्वारा निर्देशित और प्रस्तुत किए गए नाटक श्री राम सेंटर मंडी हाउस में प्रस्तुत किए जा रहे हैं. ये नाटक समाज में कुछ ज्वलंत प्रश्नों को प्रस्तुत करने की परंपरा को जारी रखते हुएआधुनिक समाज में महिलाओं की समस्याओं पर सीधे सवाल उठाते हैं. आयोजकों का दावा है कि नाट्य रंगोत्सव थिएटर के माध्यम से समाज के कुछ सबसे उपेक्षित मुद्दों को उठा रहा है.