गुवाहाटी: स्थानीय श्रीमंत शंकरदेव अंतर्राष्ट्रीय सभागार में ‘अरुणाचल रंग महोत्सव‘ थिएटर के माध्यम से अरुणाचल के समृद्ध इतिहास को प्रदर्शित करने की कोशिशों को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की शुभकामनाएं मिली हैं. उन्होंने अरुणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री का एक बयान को साझा करते हुए कहा कि इस कार्यक्रम को दिल्ली, मुंबई, कोलकाता और गुवाहाटी सहित भारत के विभिन्न हिस्सों में आयोजित होते देखकर अच्छा लगा. अरुणाचल रंग महोत्सव सिर्फ एक कार्यक्रम से कहीं अधिक है. यह अरुणाचल प्रदेश की समृद्ध सांस्कृतिक छवि का उत्सव है. यह एक भारत, श्रेष्ठ भारत के सिद्धांतों के अनुरूप है. उद्घाटन समारोह में अरुणाचल के मुख्यमंत्री पेमा खांडू ने उपमुख्यमंत्री चौना मीन के नेतृत्व में इस पहल की सराहना की और कहा कि इस महोत्सव के चारों नाटक राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय के पूर्व छात्रों के अभिनय से समृद्ध और सहायक प्रोफेसर द्वारा निर्देशित है. उन्होंने कहा कि जब मैंने पहली बार ईटानगर में ‘अरुणाचल एक सफ़रनामा‘ देखा, तो मैं मंत्रमुग्ध हो गया. मुझे नहीं पता था कि हमारे राज्य का इतना समृद्ध इतिहास है. उचित दस्तावेज़ीकरण के अभाव में हमारा समृद्ध इतिहास अभी भी दुनिया के लिए अज्ञात है. यहां तक कि हम मूल निवासी भी अपनी भूमि पर हुई महत्त्वपूर्ण ऐतिहासिक घटनाओं से अनजान हैं.
देश के चार शहरों में सफलतापूर्वक इन नाटकों का प्रदर्शन करने के लिए एनगोमले द्वारा बनाई गई थिएटर टीम को बधाई देते हुए खांडू ने कहा कि अरुणाचल और पूर्वोत्तर राज्यों के युवा सुपर प्रतिभाशाली हैं, लेकिन उन्हें तराशने के लिए मंच की जरूरत है. उन्होंने बताया कि राज्य सरकार स्थानीय युवाओं के कौशल को निखारने और उन्हें उचित मंच प्रदान करने में सहयोग के लिए एनएसडी के संपर्क में है. पहला नाटक ”चौफा-प्लांग-लू‘ 1839 में राज्य के इतिहास के इर्द-गिर्द घूमता है, जब यह भारतीय मुख्य भूमि में लगभग दो दशक बाद आने वाली क्रांति का अग्रदूत बना था. जिसे देश के पहले स्वतंत्रता आंदोलन के रूप में जानता है. इस नाटक में 130 से अधिक कलाकारों ने भाग लिया और 1839 में महान ताई खामती के प्रवास और विद्रोह की कहानी बताई. इसने बुद्ध के अनुयायी फारा ताका जैसे खामती नेताओं की कहानी को भी उजागर किया, जो म्यांमार से चले गए और सदिया- वर्तमान का असम और लमतंगा- वर्तमान में अरुणाचल, के शासक बन गए. महोत्सव के तीन अन्य नाटक हैं, ‘अरुणाचल एक सफ़रनामा‘, ‘पोजुमीमक‘ और ‘निनु 80′. इस अवसर पर असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा, रंगकर्मी दुलाल रॉय, श्रीमंत शंकरदेव कलाक्षेत्र सोसायटी के सचिव सुदर्शन ठाकुर सहित अन्य सम्मानित लोग उपस्थित थे.