जयपुर: जयपुर साहित्य महोत्सव की 25 वक्ताओं की दूसरी सूची में बुकर पुरस्कार विजेता डेमन गलगुटमशहूर ब्रिटिश उपन्यासकार डायना इवांस और ‘द पैलेस आफ इल्यूजन्स‘ की लेखिका चित्रा बनर्जी दिवाकरुनी शामिल हैं. जेएलएफ के नाम से दुनिया भर में मशहूर साहित्य महोत्सव का यह 17वां संस्करण है. यह आयोजन अगले साल 1-5 फरवरी के बीच जयपुर में होगा. आयोजकों के अनुसार यह महोत्सव एक बार फिर लेखकोंविचारकोंआदर्शवादियोंयथार्थवादीदूरदर्शी और बुद्धिजीवियों के बीच विचारों का एक भव्य मैराथन होगाजिनमें से सभी साहित्य के प्रति स्थायी प्रेम से ओतप्रोत होकर चर्चा में शामिल होंगे.  दूसरी सूची में पुलित्जर पुरस्कार विजेता लेखक हर्नान डियाज और काई बर्डपत्रकार-कला समीक्षक केटी कितामुराब्रिटिश कला इतिहासकार ल्यूक सिसनकेली दोरजीऑस्ट्रेलिया के पूर्व प्रधानमंत्री मैल्कम टर्नबुल एसी और गीतकार गुलजार शामिल हैं.
बयान में कहा गया, ”25 वक्ताओं की दूसरी सूची में एक विविध और विद्वान वक्ताओं की मौजूदगी हैजिसमें कविअनुवादक और ‘लाइक ब्लड ऑन द बिटन टंग : दिल्ली पोयम्स‘ और ‘हाउ मैनी कंट्रीज डज द इंडस क्रॉस‘ के लेखक अखिल कात्याल भी शामिल हैं.

इस सूची में ‘द राइट टू सेक्स‘ की लेखिक अमिया श्रीनिवासनतिब्बत और हिमालय की बौद्ध परंपराओं के विद्वान एंड्रयू क्विंटमैनभारतीय कवि और साहित्य अकादमी पुरस्कार विजेता अरुंधति सुब्रमण्यम और ‘लेसन्स इन केमिस्ट्री‘ से साहित्य की दुनिया में कदम रखने वाले बोनी गार्मस भी शामिल हैं. ‘स्टोरीज यूनाइट अस‘ थीम पर आधारित पांच दिवसीय साहित्यिक समारोह का उद्देश्य साहित्य की ‘परिवर्तनकारी शक्ति‘ का पता लगाना है कि यह कैसे समाज को प्रतिबिंबित करता है और लोगों को एकजुट करता है. वक्ताओं की दूसरी सूची में ‘द हिडन रेनबो‘ के भूटानी लेखक और अभिनेता केली दोरजीउच्चतम न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश न्यायमूर्ति मदन बी. लोकुरकुकबुक ‘फ्रॉम माई किचन टू योर्स‘ की लेखिका एवं अभिनेत्री मारिया गोरेटी और ‘द एनोटेटेड मिसिज डैलोवे‘ की लेखिका मर्व एम्रे का नाम भी शामिल है. पूर्व राजनयिक नवदीप सूरीपुलित्जर पुरस्कार विजेता रोजर कोहेनग्राफिक उपन्यासकार सारनाथ बनर्जीपुरस्कार विजेता लेखिका शुमोना सिन्हालेखक और नाटककार विवेक शानबाग भी वक्ताओं में शुमार हैं. आयोजकों के अनुसार यह महोत्सव भाषायी विविधता का जश्न होगाजिसमें असमियाहिंदीकन्नड़कश्मीरीमलयालममराठीओड़िआपंजाबीतमिल और उर्दू भाषाओं के साहित्यिक कार्यों पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा.